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विदेश मंत्रालय ने कुवैत अग्निकांड में घायल भारतीयों की मदद के लिए अच्छा काम किया: सुरेश गोपी

केंद्रीय राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने शुक्रवार को कहा कि विदेश मंत्रालय ने कुवैत अग्नि त्रासदी में घायल...
विदेश मंत्रालय ने कुवैत अग्निकांड में घायल भारतीयों की मदद के लिए अच्छा काम किया: सुरेश गोपी

केंद्रीय राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने शुक्रवार को कहा कि विदेश मंत्रालय ने कुवैत अग्नि त्रासदी में घायल हुए भारतीयों के इलाज कराने के प्रयासों के समन्वय में "बेहतरीन" काम किया। इस त्रासदी में कम से कम 49 लोगों की मौत हुई है।

पर्यटन एवं पेट्रोलियम राज्य मंत्री ने बताया कि उन्होंने आज के अपने अन्य कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और वह कुवैत अग्निकांड में मारे गए लोगों को कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर श्रद्धांजलि देंगे।

इस बीच केरल के राजस्व मंत्री के राजन ने यहां संवाददाताओं को बताया कि कोच्चि अंतराराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर केरल के 23, तमिलनाडु के सात और कर्नाटक के एक व्यक्ति का शव लाया गया। इसके बाद विमान अन्य भारतीयों के शवों को लेकर दिल्ली जाएगा।

राजन ने बताया कि मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां हवाई अड्डे पर विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। उसके बाद शवों को अनिवासी केरलवासी मामलों के विभाग (एनओआरकेए) द्वारा एम्बुलेंस से उनके गृह नगरों और परिजनों तक पहुंचाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यदि तमिलनाडु और कर्नाटक के निवासियों के शवों को ले जाने के लिए अतिरिक्त एम्बुलेंस की आवश्यकता होगी तो स्वास्थ्य विभाग इसकी व्यवस्था करने के लिए भी तैयार है। उन्होंने कहा, "हमने प्रत्येक एम्बुलेंस के लिए एक 'पायलट वाहन' की भी व्यवस्था की है।"

राजन ने बताया कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और राज्य के अन्य मंत्री भी हवाई अड्डे पर मौजूद हैं।

इससे पहले पत्रकारों से बात करते हुए गोपी ने कहा कि विदेश मंत्रालय को राजनयिक हस्तक्षेप करने, घायल भारतीयों का इलाज कराने और हादसे में मारे गए लोगों के शवों को स्वदेश लाने का जिम्मा सौंपा गया है। उन्होंने कहा, ''विदेश मंत्रालय ने "बेहतरीन" काम किया है।

अधिकारियों ने बताया कि दक्षिणी कुवैत के मंगाफ क्षेत्र में सात मंजिला इमारत में भीषण आग लगने से 49 विदेशी श्रमिकों की मौत हो गई थी और 50 अन्य घायल हुए थे। इनमें से 42 भारतीय थे और शेष पाकिस्तान, फिलिपीन, मिस्र और नेपाल के नागरिक थे। इमारत में करीब 195 प्रवासी श्रमिक रहते थे।

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