नोबेल पुरस्कार विजेता और द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) के संस्थापक और पूर्व प्रमुख आरके पचौरी का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को निधन हो गया। वह 79 साल के थे। पचौरी को हृदय से जुड़ी बीमारी के चलते मंगलवार को आईसीयू पर रखा गया था। पचौरी की अस्पताल में ओपन हार्ट सर्जरी हुई थी।
टेरी महानिदेशक अजय माथुर ने बयान जारी कर कहा कि पूरा टेरी परिवार दुख की इस घड़ी में पचौरी परिवार के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि टेरी पचौरी की मेहनत का परिणाम है। उन्होंने इस संस्था को विकसित करने और इसे एक प्रमुख वैश्विक संगठन बनाने में अहम भूमिका निभाई। माथुर ने 2015 में पचौरी की जगह निदेशक बने थे।
यौन उत्पीड़न का भी लगा आरोप
2015 में पचौरी पर एक महिला सहकर्मी ने कथित रूप से यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया था। इसके बाद उन्होंने टेरी प्रमुख के से इस्तीफा दे दिया था। द इनर्जी एंड रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट पर्यावरण और ऊर्जा क्षेत्र में काम करती है।
पचौरी के कार्यकाल में आईपीसीसी को मिला नोबेल
आरके पचौरी इंटरगर्वमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) के 2002 से 2015 तक चेयरमैन भी रहे हैं। उनके कार्यकाल में आईपीसीसी को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। अनेक विषयों पर लगभग 21 किताबें लिख चुके डॉ. पचौरी 20 अप्रैल 2002 को आईपीसीसी के अध्यक्ष चुने गए थे। इसके साथ ही जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण से जुड़े कई संस्थानों और फोरम में पचौरी ने सक्रिय भूमिका निभाई। पर्यावरण के क्षेत्र में उनके अहम योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 2001 में पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया।
नैनीताल में जन्म, 1982 में बने टेरी के निदेशक
20 अगस्त 1940 को पचौरी का जन्म नैनीताल में हुआ था। बिहार के जमालपुर स्थित इंडियन रेलवे इंस्टिट्यूट ऑफ मेकैनिकल ऐंड इलेक्ट्रॉनिक इंजिनियरिंग से पढ़ाई की थी। पचौरी वेस्ट वर्जीनिया विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ मिनरल एंड एनर्जी रिसोर्सेज में रिसोर्स इकोनॉमिक्स में विजिटिंग प्रोफेसर थे। 1982 में पचौरी टेरी के निदेशक बने। 2001 में पचौरी ने इस संस्थान के महानिदेशक की जिम्मेदारी संभाली।