त्रिपुरा संवर्ग के सेवानिवृत आईएएस अधिकारी 62 वर्षीय माथुर 28 मई, 2013 को दो साल की निश्चित अवधि के लिए रक्षा सचिव बनाए गए थे। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से स्नातक और आईआईटी दिल्ली से स्नातोकोत्तर की डिग्री हासिल करने वाले माथुर अपने संवर्ग वाले राज्य और केंद्र में कई अहम पदों पर रह चुके हैं। वह सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम तथा रक्षा उत्पादन एवं आपूर्ति दोनों ही मंत्रालय में सचिव रहे हैं।
प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली चयन समिति ने बुधवार को माथुर के नाम को अंतिम रूप दिया था। इस समिति में वित्त मंत्री अरुण जेटली और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे हैं। आधिकारिक सू़त्रों ने बताया कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने माथुर की बतौर सीआईसी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। आरटीआई कानून के मुताबिक सीआईसी की नियुक्ति राष्ट्रपति चयन समिति की सिफारिश पर करते हैं। भाजपा सरकार के वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद से केंद्रीय सूचना आयोग दो बार प्रमुख विहीन रहा। अगस्त, 2014 में तत्कालीन मुख्य सूचना आयुक्त राजीव माथुर के कार्यकाल पूरा होने के बाद आयोग करीब दस महीने तक प्रमुखविहीन रहा।
फिलहाल आयोग में सात सूचना आयुक्त हैं। वे बसंत सेठ, यशोवर्धन आजाद, शरत सभरवाल, मंजूला पराशर, एम.ए. खान युसूफी, मदाभूषणम श्रीधर आचार्युलू और सुधीर भार्गव हैं। परिपाटी के हिसाब से वरिष्ठतम सूचना आयुक्त प्रमुख के रूप में चुने जाते हैं। फिलहाल सेठ वरिष्ठतम सूचना आयुक्त हैं। आयोग में एक प्रमुख और दस सूचना आयुक्त होते हैं। इस प्रकार अब भी तीन सूचना आयुक्त के पद रिक्त हैं। सरकारी आंकड़े के हिसाब से आयोग में कुल 33,724 शिकायतें और अपीलें लंबित हैं। आरटीआई कार्यकर्ता कोमोडोर (सेवानिवृत) लोकेश बत्रा ने कहा, यह पहली बार हुआ है कि सरकार ने इस पद पर सेवारत सूचना आयुक्त के बजाय किसी अन्य को नियुक्त किया है।