गडकरी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, इस विषय पर सोनिया गांधी, अन्ना हजारे समेत विभिन्न नेताओं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को किसी भी मंच पर खुली चर्चा के लिए पत्र लिखा है। क्योंकि इस विधेयक के बारे में जो बातें कही जा रही हैं वह जमीनी हकीकत से परे है और इसे राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक के पारित होने पर अधिक से अधिक रोजगार सृजित किया जा सकेगा, सिंचाई के साधन विकसित होंगे, सड़क सम्पर्क बढेगा, स्कूल और अस्पताल खुल सकेंगे। इसके तहत 80 प्रतिशत अधिग्रहण तो सिर्फ सिंचाई के लिए होगा। सिंचाई के साधन बढ़ेंगे तो खाद्यान्न उत्पादन बढेगा।
गडकरी ने दावा किया कि संप्रग सरकार ने जो कानून बनाया था उसमें 13 ऐसे कानून थे जो इसके दायरे में नहीं थे जिसमें कोयला, रेलवे से जुड़े मामले शामिल हैं। हमने इसमें ग्रामीण आधारभूत संरचना, रक्षा के साथ औद्योगिक कॉरिडोर जोड़ा है।
उन्होंने कहा कि इसलिए यह कहना गलत है कि यह किसान विरोधी है बल्कि इसमें तो किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान रखा गया है और भूमि अधिग्रहण का मुआवजा बढाकर चार गुणा किया गया है। गडकरी ने कहा, हम विपक्ष और सामाजिक कार्याकर्ता अन्ना हजारे एवं अन्य लोगों से कहते हैं कि आप किसी भी मंच पर आएं, चाहे इलेक्ट्रानिक मीडिया, प्रिंट मीडिया या कोई अन्य मंच हो, हम खुली चर्चा करने को तैयार है। इस बारे में खुली चर्चा हो जाए।