महाराष्ट्र के पुणे में हुए भीमा कोरेगांव हिंसा का आरोपी गौतम नवलखा के रिश्ते पाकिस्तानी आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के साथ थे। बुधवार को पुणे पुलिस ने यह जानकारी बॉम्बे हाईकोर्ट को दी। पुलिस के अनुसार, नवलखा कश्मीर के अलगाववादियों और उन सभी लोगों से जुड़ा था, जिनके हिजबुल से संबंध थे।
पुलिस ने हाई कोर्ट से मांग की है कि नवलखा की रिहाई पर रोक लगा दी जाए, ताकि मामले में आवश्यक जांच पूरी की जा सके। हालांकि, अदालत ने अगले आदेश तक नवलखा की गिरफ्तारी बढ़ाते हुए उसे सुरक्षा देने को कहा है। राज्य सरकार की ओर से वकील अरुणा पई और नवलखा के वकील युग चौधरी ने कोर्ट के सामने अपनी बात रखी।
अरुणा पई हाईकोर्ट में पुणे पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रही हैं जबकि अधिवक्ता युग चौधरी नवलखा के वकील हैं। न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की खंडपीठ गौतम नवलखा की याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है।
कौन हैं गौतम नवलखा
दिल्ली के रहने वाले 65 साल के गौतम नवलखा पेशे से पत्रकार रहे हैं। मानवाधिकार के मुद्दों पर नवलखा काफी बेबाकी से अपने विचार रखते रहे हैं। पिछले दो दशकों में वह कई बार कश्मीर का दौरा कर चुके हैं। उनके कुछ विवादित वीडियो भी सामने आए थे।
भीमा कोरेगांव हिंसा के हैं आरोपी
31 दिसंबर, 2017 को को हुए पुणे के एलगार परिषद सम्मेलन आयोजित किया था। इसमें भड़काऊ भाषण दिए गए थे जिसके अगले दिन पुणे के भीमा कोरेगांव में हिंसा हुई थी। इसके बाद एफआईआर दर्ज की गई थी और 28 अगस्त, 2018 को पुलिस ने छापेमारी कर कई वामपंथी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। हिरासत में जिन कार्यकर्ताओं को लिया गया था उनमें से एक गौतम नवलखा भी थे।
एजेंसी इनपुट