भारत वाणिज्य मंडल के सदस्यों के साथ बैठक में अहलूवालिया ने कहा, देश में सात प्रतिशत से अधिक की आर्थिक वृद्धि हासिल करने की अंतनिर्हित मजबूती है लेकिन नोटबंदी की वजह से यह गड़बड़ा गई है, मेरा मानना है कि इससे जीडीपी एक से दो प्रतिशत तक प्रभावित होगी। इस हिसाब से चालू वित्त वर्ष में यह 5 से 5.5 प्रतिशत रह सकती है।
अहलूवालिया ने कहा कि मौजूदा सरकार ने नोटबंदी से अल्पकालिक परेशानियों को स्वीकार करने के बावजूद इससे दीर्घकाल में होने वाले फायदे के लिये कोई कार्ययोजना नहीं बनाई। हालांकि, फिलहाल सरकार के लिये त्वरित चिंता इस बात की है कि देश को सात प्रतिशत से अधिक वृद्धि की राह पर लाया जाये।
अहलूवालिया ने कालेधन की समस्या का समाधान करने की दिशा में कदम उठाने को सही बताया लेकिन कहा कि इसके साथ ही कर अनुपालन को बेहतर बनाने के लिये कर दरों को आकर्षक बनाया जाना चाहिये।
उन्होंने कहा कि भू-संपत्ति कारोबार कालेधन का एक बड़ा स्थान है, लेकिन यह राज्य के विषय क्षेत्र में आता है। राजनीतिक चंदे में सुधार किया जाना भी काफी महत्वपूर्ण है।
इस बीच भारत वाणिज्य मंडल के अध्यक्ष राकेश शाह ने कहा कि नोटबंदी ने श्रमबहुल क्षेत्र जैसे की पटसन, चाय तथा अन्य क्षेत्रों में व्यावधान पैदा किया है। भाषा एजेंसी