केंद्र सरकार ने देश में कोरोनावायरस से किसी की मौत होने पर परिवार को चार लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है। कोरोना संबंधी राहत कार्यों में शामिल व्यक्तियों को भी मुआवजे के दायरे में रखा गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोनावायरस को आपदा का दर्जा देते हुए इसके लिए राज्य आपदा राहत कोष से सहायता देने की बात कही है। सरकार ने राज्य आपदा कोष (एसडीआरएफ) के तहत सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से COVID19 को एक अधिसूचित आपदा के रूप में माना है।
राज्य सरकारों की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब तक कोरोनावायरस संक्रमण के 84 मामले सामने आ चुके हैं। 13 राज्यों में संक्रमण फैल चुका है। जबकि दो लोगों की मौत हो चुकी है।
महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में दो-दो नए मामलों की पुष्टि हुई। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के मुताबिक प्रदेश में कुल 19 लोग संक्रमित मिले हैं। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पिता और पुत्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसकी पुष्टि गाजियाबाद जिला प्रशासन ने की। वहीं तेलंगाना में अब तक दो मामले सामने आ चुके हैं। शनिवार को मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि, दोनों मरीजों को राजकीय गांधी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है। इसके अलावा दो अन्य संदिग्ध मरीज भी निगरानी में हैं।
10 लोग हो चुके हैं ठीक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कोरोना से संक्रमित 10 लोगों को अब तक ठीक हो चुके हैं। इसमें उत्तर प्रदेश के 5, केरल के तीन, राजस्थान व दिल्ली के एक-एक मरीज शामिल हैं। इन्हें इलाज के बाद हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। संक्रमण रोकने के लिए गोवा में स्कूल-कॉलेजों के साथ पर्यटकों के बीच लोकप्रिय कसीनो, बोट बार और डिस्को क्लब 31 मार्च तक बंद कर दिए गए हैं। वहीं, मुंबई और बेंगलुरु में शॉपिंग मॉल और सिनेमाघर बंद हैं। उधर, इन्फोसिस ने बेंगलुरु स्थित अपना सैटेलाइट ऑफिस अगले आदेश तक बंद कर दिया है। कंपनी के कुछ कर्मचारी एक संदिग्ध मरीज के संपर्क में आए थे।
सेनिटाइजर और मास्क आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे में
कोरोना वायरस के बढ़ रहे प्रकोप और मास्क और हैंड सेनिटाइजर की आपूर्ति में कमी से चिंतित केंद्र ने इन दोनों वस्तुओं को 30 जून तक आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे में रखने का आदेश दिया है। इसके लिए सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 में संशोधन किया है। मास्क और हैंड सेनिटाइजर बाजार में अधिकतर खुदरा विक्रेताओं के पास या तो उपलब्ध नहीं हैं या अत्यधिक कीमतों पर बड़ी कठिनाई के साथ उपलब्ध हैं। आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सरकार निर्माताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद उन्हें इन वस्तुओं की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और आपूर्ति सुचारु बनाने के लिए कह सकती है। इसके अलावा सरकार ने लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के तहत एक एडवाइजरी भी जारी की है। इसके अंतर्गत सरकार अधिकतम खुदरा मूल्य पर दोनों वस्तुओं की बिक्री सुनिश्चित कर सकती है।