किसान संगठनों और सरकार के बीच बुधवार को हुई 10वें दौर की बैठक बेनतीजा समाप्त हो गई। हालांकि बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने कहा है कि हम कोर्ट में एफिडेविट देकर क़ानून को डेढ़-दो साल तक होल्ड पर रख सकते हैं। सरकार के इस प्रस्ताव पर किसान संगठन आज मंथन करेंगे और कल सरकार को अपना फैसला बताएंगे।
गौरतलब है कि केंद्र और किसान नेताओं के साथ आज यानी बुधवार को दसवें दौर की बातचीत हुई। इसमें केंद्र एक से डेढ़ साल तक नए कृषि संबंधी कानूनों पर रोक लगाने को तैयार हो गई है। किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा, "बैठक में 3 कानूनों और एमएसपी पर बात हुई। सरकार ने कहा हम 3 कानूनों का एफिडेविट बनाकर सुप्रीम कोर्ट को देंगे और हम एक से डेढ़ साल के लिए रोक लगा देंगे। एक कमेटी बनेगी जो 3 क़ानूनों और एमएसपी का भविष्य तय करेगी। हम इस पर विचार करेंगे। किसान केंद्र के प्रस्ताव पर 22 जनवरी को जवाब देंगे।"
वहीं, बातचीत के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, आज हमारी कोशिश थी कि कोई निर्णय हो जाए। किसान यूनियन क़ानून वापसी की मांग पर थी और सरकार खुले मन से क़ानून के प्रावधान के अनुसार विचार करने और संशोधन करने के लिए तैयार थी।
किसान नेताओं ने सरकार के साथ 10वें दौर की वार्ता के बाद जानकारी देते हुए कहा, सरकार ने कहा है कि हम कोर्ट में एफिडेविट देकर क़ानून को एक से डेढ़ साल तक होल्ड पर रख सकते हैं। कमेटी बनाकर चर्चा करके, कमेटी जो रिपोर्ट देगी, हम उसको लागू करेंगे।
तोमर ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय के लिए कृषि सुधार कानूनों को स्थगित किया है। सरकार एक से डेढ़ साल तक भी क़ानून के क्रियान्वयन को स्थगित करने के लिए तैयार है। इस दौरान किसान यूनियन और सरकार बात करें और समाधान ढूंढे।"