यानी साल 2019 में होने वाला देश का अगला लोकसभा चुनाव पूरी तरह वीवीपीएटी मशीनों के माध्यम से होगा। कैबिनेट की बैठक में सरकार ने यह निर्णय लिया है कि 16 लाख 15 हजार वीवीपीएटी मशीनों की खरीद के लिए केंद्रीय निर्वाचन आयोग को यह राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
वीवीपीएटी मशीन से मतदाता स्वयं देख सकता है कि उसने जिसको वोट दिया था उसी को वोट मिला या नहीं। साथ ही वोट डालते समय निकलने वाली पर्ची से दोबारा गिनती करके उसे ईवीएम के नतीजे से मिलाया भी जा सकेगा। गौरतलब है कि बसपा, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने ईवीएम मशीन को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
बता दें कि निवार्चन आयोग लंबे समय वीवीपीएटी मशीनों के लिए से धन की मांग कर रहा था। और इस बाबत निर्वाचन आयोग ने 22 मार्च को कानून मंत्रालय को एक चिट्ठी भी लिखी थी। जिसमें आयोग ने कहा था कि मौजूदा माहौल में जिस तरह से ईवीएम मशीनों को लेकर सवाल उठाया जा रहा है उसे देखते हुए वीवीपैट मशीनों को खरीदने में देऱ करना ठीक नहीं होगा। अगर 2019 में वीवीपैट मशीनें से चुनाव कराना है तो अभी से मशीनों की खरीद के लिए ऑर्डर देना होगा।