नई दिल्ली। अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को लेकर आलोचना से घिरी केंद्र सरकार के बचाव आज खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सामने आना पड़ा। अपनी सरकार के एक साल पूरे होने पर समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि किसी भी समुदाय के खिलाफ हिंसा या किसी तरह का भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
इससे पहले बुधवार को कांग्रेस के नेताओं ने सरकार पर तीखे प्रहार किए। मनमोहन सिंह ने मोदी राज में लोकतांत्रिक संस्थाओं को खतरे में बताया तो रायबरेली में प्रियंका गांधी ने ट्रिपलआईटी खुलवाने के मुद्दे पर स्मृति ईरानी पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने सूट-बूट की सरकार को वर्षगांठ की बधाई देकर सरकार पर तंज कसा था। कांग्रेस के बाकी नेताओं ने भी मोदी सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। इस पर पलटवार करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा है कि एक साल बाद भी कांग्रेस लोकसभा चुनाव में अपनी करारी शिकस्त को पचा नहीं पायी है।
पीटीआई को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के हमलों का जवाब देने पर काफी जोर दिया। उन्होंने कहा कि यूपीए शासन के दौरान गैर-संवैधानिक अथॉरिटी के पास ही वास्तविक शक्ति थी। प्रधानमंत्री कार्यालय में सत्ता के केंद्रीत होने की आलोचनाओं को खारिज करते हुए मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री और पीएमओ संवैधानिक व्यवस्था का हिस्सा हैं और इससे बाहर नहीं हैं। अल्पसंख्यकों के सवाल पर मोदी ने कहा कि किसी भी समुदाय के खिलाफ हिंसा या किसी तरह का भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भूमि अधिग्रहण विधेयक के बारे में उन्होंने कहा कि गरीबों, किसानों और गांवों के पक्ष में भूमि विधेयक पर कोई भी सुझाव सरकार स्वीकार करेगी।