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झारखंड: मठ-मंदिर के चढ़ावे में हिस्सेदारी लेगी सरकार, बाबाधाम से लेकर ये मंदिर लिस्ट में

झारखंड सरकार को यहां के मंदिरों की आय में हिस्‍सेदारी चाहिए। इसके लिए अनेक मंदिरों को नोटिस जारी किया...
झारखंड: मठ-मंदिर के चढ़ावे में हिस्सेदारी लेगी सरकार, बाबाधाम से लेकर ये मंदिर  लिस्ट  में

झारखंड सरकार को यहां के मंदिरों की आय में हिस्‍सेदारी चाहिए। इसके लिए अनेक मंदिरों को नोटिस जारी किया जा रहा है। यहां के अनेक मठ, मंदिरों में बढ़‍िया चढ़ावा आता है, लेकिन सरकार को आय या संपत्ति के बारे में पता नहीं है। देवघर के मशहूर बाबाधाम में सिर्फ सावन में ही कोई तीस से चालीस लाख लोग जलार्पण के लिए आते हैं। औपचारिक तौर पर इस मंदिर की सालाना आय करीब तीन से चार करोड़ रुपये है।

इसी तरह दुमका के वासुकीनाथ मंदिर, चतरा जिला में ईटखोरी में भद्रकाली मंदिर में भी बड़ी संख्‍या में श्रद्धालु आते हैं। प्रदेश में कोई छह सौ से अधिक मठ-मंदिर हैं, लेकिन धार्मिक न्‍यास पर्षद से सिर्फ एक सौ निबंधित हैं। उनमें भी मंदिरों को सालाना आय में बीस प्रतिशत न्‍यास पर्षद को देने का प्रावधान है। इसके बाद भी कई मंदिर प्रबंधन इस निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं। कई ने तो दो दशक से कोई राशि नहीं दी है। आयकर का रिटर्न भी दाखिल नहीं कर रहे। अनेक मठ-मंदिरों के पास काफी जमीन-संपदा है। न्‍यास पर्षद को उसके बारे में भी ठीक से जानकारी नहीं है और मठ-मंदिरों की देखरेख करने वाले मनमाने तरीके से उसका इस्‍तेमाल कर रहे हैं।

राज्‍य में पिछले पांच सालों से खुद धार्मिक न्‍यास पर्षद काम नहीं कर रहा था। अनेक मठ, मंदिरों द्वारा राज्‍य के विभाजन यानी कोई दो दशक से न आय का लेखा-जोखा दिया गया है न बोर्ड का हिस्‍सा। इतने संमृद्ध मंदिर, मठ और धर्मशाला वाला हिंदू धार्मिक न्‍यास बोर्ड फकीर जैसा है। इसके खजाने में डेढ़ करोड़ से भी कम राशि है।

वेबसाइट की मदद से रखा जाएगा मंदिरों में दान का हिसाब 

अपनी हिस्‍सेदारी और मठ-मंदिरों की संपत्ति को लेकर अब नींद टूटी है। सरकार ने राज्‍य के विधि सचिव संजय प्रसाद को राज्‍य हिंदू धार्मिक न्‍यास बोर्ड का प्रशासक बनाया है। संजय प्रसाद के अनुसार राज्‍य में 678 मंदिरों की पहचान की गई है, लेकिन इनमें सिर्फ 94 निबंधित हैं। निबंधित मंदिरों में से देवघर के बाबाधाम मंदिर, दुमका के वासुकीनाथ धाम, चतरा के ईटखोरी, हनुमान मंदिर रांची, पहाड़ी मंदिर रांची सहित 22 मंदिर प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया है। वह कहते हैं कि अन्‍य मठ, धर्मशाला, मंदिरों का निबंधन कराया जाएगा, उनका सीमांकन कराया जाएगा। जिससे संपत्ति का हिसाब रहे। कोई नाजायज तरीके से खरीद-फरोख्‍त या बेजा इस्‍तेमाल न करे। जल्‍द ही बोर्ड की वेबसाइट तैयार कर अपडेट करने की योजना है।

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