बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी है। फसल कर्ज की इस योजना के तहत किसान अधिकतम तीन लाख रुपये तक का कर्ज ले सकेंगे जिस पर सात फीसदी का ब्याज लगेगा और जल्द भुगतान करने वाले किसानों को केवल चार फीसदी ब्याज ही देना होगा। कृषि कर्ज से जुड़ी यह योजना इस साल मार्च में समाप्त हो गई थी जिसकी अवधि एक साल के लिए बढ़ाई गई है।
कैबिनेट ने अल्पकालीन फसल कर्ज पर ब्याज सब्सिडी के लिए चालू वित्त वर्ष में 20339 करोड़़ रुपये के खर्च को मंजूरी दे दी है। जल्द भुगतान करने वाले किसान तीन लाख रुपये का कर्ज चार फीसदी ब्याज पर ले सकेंगे। फौरी कदम के तौर पर पिछले महीने रिजर्व बैंक ने बैंकों से ब्याज पर छूट की इस अल्पकालीन फसल कर्ज योजना को जारी रखने को कहा था।
कैबिनेट का यह फैसला उस समय आया है जब देश के कई हिस्सों में जब किसान विरोध कर रहे हैं। खासकर मध्यप्रदेश में किसान कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं जबकि उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र में पहले ही छूट की घोषणा की जा चुकी है। योजना के तहत किसानों को तीन लाख रुपये को कर्ज पर दो फीसदी सालाना की सब्सिडी दी गई है। यह तब है जब कर्ज देने वाली संस्थाएं सात फीसदी ब्याज दर पर कर्ज मुहैया कराएं। जल्द भुगतान करने वाले किसानों के लिए तीन फीसदी सालाना ब्याज की दर पर एक अन्य सब्सिडी योजना भी है। वर्ष 2017-18 के लिए कृषि कर्ज का लक्ष्य नौ लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर दस लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।