मार्च में दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रिया पर लगे यात्रा प्रतिबंध को हटाने का आदेश दिया था, जिसे औपचारिक तौर पर बुधवार को हटाया गया। जस्टिस राजीव शकधर ने अपने आदेश में कहा था कि प्रिया के विदेश यात्रा करने के अधिकार पर सिर्फ इसलिए प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता क्योंकि उसके विचार सरकार की नीतियों से मेल नहीं खाते।
एफआरआरओ से ऑफलोड मुहर हटने के बाद प्रिया पिल्लई ने कहा, “आज मैं राहत महसूस कर रही हूं। मुझे भारतीय कानून व्यवस्था और लोकतंत्र पर गर्व महसूस हो रहा है, लेकिन आज भी ग्रीनपीस के घरेलू खातों को बंद करके रखा गया है, जिसका मतलब है कि हिन्दुस्तानियों को लोकतांत्रिक हितों को समर्थन देने से रोका जा रहा है। यह शर्मनाक है”।
प्रिया ने आगे कहा, “हमें विश्वास है कि हमारा केस मजबूत है और उम्मीद है कि न्यायालय एक बार फिर हमारे पक्ष में फैसला देगा, लेकिन गृह मंत्रालय जानता है कि हमारे पास ज्यादा समय नहीं बचा है। गृह मंत्रालय के पास ग्रीनपीस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का साहस नहीं है और इसलिए हमारा गला घोंटने के लिये मनमाने कार्रवाई कर रहा है। यह नीति काम नहीं करेगी। मुझे विश्वास है कि अंत में लोकतंत्र की जीत होगी”।