गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने ग्रीनपीस को विदेशों से मिलने वाले चंदे पर रोक लगा दी है और इस चंदे से संबंधित सभी बैंक खाते भी सीज कर दिए गए हैं। सरकार ने आरोप लगाया है कि यह संगठन विदेशी पैसे का गलत इस्तेमाल कर रहा है। उसमें एक आरोप यह भी है कि संगठन ने अपने खर्चे पर चैनल 4 की टीम को यहां बुलाकर मध्य प्रदेश वाला कार्यक्रम तैयार करवाया जिसमें चैनल ने बिना अनुमति के शूटिंग के दौरान ड्रोन कैमरे का भी इस्तेमाल किया। चैनल 4 की टीम ने पिछले साल अनरिपोर्टेड वर्ल्ड नामक अपने कार्यक्रम में महान कोल ब्लॉक इलाके पर एक कार्यक्रम दिखाया था।
ग्रीनपीस इंडिया द्वारा शनिवार को मीडिया के लिए जारी बयान में कहा गया है कि उसने चैनल 4 के कार्यक्रम के लिए कोई खर्च नहीं किया बल्कि चैनल ने अपने पैसे से यह कार्यक्रम बनाया था। इस कार्यक्रम को बनाने वाले ह्यूगो वार्ड ने ग्रीनपीस को भेजे ई-मेल में कहा है कि इस कार्यक्रम का पूरा वित्त पोषण चैनल का था और इसमें ग्रीनपीस का पैसा नहीं लगा था। संगठन ने यह भी कहा कि यह एक संतुलित कार्यक्रम था जिसमें सरकार द्वारा उस इलाके में किए गए विद्युतिकरण के काम की भी तारीफ की गई थी।
इस आरोप के अलावा संगठन ने अपने ऊपर लगे अन्य आरोपों पर भी सिलसिलेवार जवाब दिया है। कुल 14 बिंदुओं में दिए गए जवाब में संगठन ने यह भी साफ कर दिया है कि भारत में उसकी फंडिंग का सिर्फ 30 फीसदी हिस्सा ही विदेश से आता है इसलिए संगठन 70 प्रतिशत भारतीय फंडिंग के जरिये अपना काम जारी रखेगा। हालांकि ग्रीनपीस ने माना है कि उसके कुछ भारतीय फंडिंग वाले खातों को भी सीज किया गया है। ग्रीनपीस ने कहा है कि उसके कामकाज को लेकर गृहमंत्रालय ने जो आरोप लगाए हैं उनमें कोई दम नहीं है और विदेशी चंदा नियमों के अनुरूप ही लिया जाता है और इस पैसे के आने से लेकर उसके खर्च तक का हिसाब संगठन के पास है और इसलिए सरकार के इस कदम को वह अदालत में भी चुनौती दे रहे हैं। बयान में कहा गया है कि इस वैश्विक दौर में दुनिया के एक देश से दूसरे देश में प्रतिभाओं और पैसे का आवागमन होता है सिर्फ ये देखना जरूरी है कि इसमें कानून का कोई उल्लंघन तो नहीं है। ग्रीनपीस भारतीय कानूनों का पूरा सम्मान करते हुए विदेशियों को भारत आमंत्रित करता है जिनमें पास वैध वीजा होता है। इसलिए इस मामले में भी मंत्रालय का आरोप गलत है।