राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कथित तौर पर हमले की योजना बनाने के लिए गिरफ्तार जैश ए मोहम्मद के तीन संदिग्ध सदस्यों के खिलाफ दायर आरोपपत्र में पुलिस की विशेष इकाई ने कहा कि आरोपियों और अन्य युवाओं के लिए भारत में आतंकवाद में शामिल होने के लिए पाकिस्तान स्थित जैश ए मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर मुख्य प्रेरणा था।
आरोपियों मोहम्मद साजिद, शाकिर और समीर के खिलाफ आरोपपत्र अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रीतेश सिंह के समक्ष दायर किया गया। तीनों वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। आरोपपत्र में कहा गया, उसने (साजिद ने) युवाओं से (20 दिसम्बर, 2015 को अपने घर पर आयोजित एक बैठक में) गुजरात और मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान मुस्लिमों के उत्पीड़न की बात की। उसने इसके साथ ही बर्मा में मुस्लिमों की स्थिति के बारे में भी बात की। उसने कहा था कि उन्हें भविष्य में गुजरात जैसी स्थितियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
आरोपपत्र में कहा गया, इन युवकों को राजी करने के लिए साजिद ने उन्हें मौलाना मसूद अजहर की तकरीर सुनने के लिए कहा। साजिद की भूमिका के बारे में इसमें कहा गया, वह मौलाना के जेहादी भाषण सुनता था जो बाबरी मस्जिद को ढहाने के प्रतिशोध के लिए भारत में हिंसक जेहाद और भारत में मुस्लिमों पर कथित अत्याचार और कश्मीर को भारत से आजाद कराने के बारे में बात करता है।
इसमें कहा गया, वीडियो में दिखाया गया मुस्लिमों का कथित अत्याचार और मौलाना के भाषणों ने उसके भीतर भारत के खिलाफ सशस्त्र जेहाद की भावना संचारित की। एजेंसी ने साजिद से बरामद वीडियो क्लीपिंग को उद्धृत किया जिसमें जैश ए मोहम्मद प्रमुख के भारत में आतंकवादी कृत्यों को उकसाने के लिए भड़काउ भाषण हैं। आरोपपत्र में कहा गया कि आरोपियों के कब्जे से 100 से अधिक पुस्तकें, वीडियो और ग्राफिक चित्र बरामद किए गए जिनमें किसी भी मुस्लिम युवक को जेहाद के प्रति ढालने की पर्याप्त सामग्री है। साजिद ने इन सामग्री का इस्तेमाल अपने क्षेत्र में मुस्लिमों को कट्टर बनाने के लिए किया।
दिल्ली पुलिस ने इस वर्ष मई में करीब 10 अन्य को हिरासत में लिया था जिनके उस आतंकवादी संगठन से जुड़े होने का संदेह था जो शहर में एक हमले की योजना बना रहा था। राष्ट्रीय राजधानी और पड़ोसी राज्यों में रातभर मारे गए छापों के बाद उनके कब्जे से कथित तौर पर विस्फोटक बरामद किए गए थे। यद्यपि उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था। (एजेंसी)