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शाहीन बाग में धारा 144 लागू, भारी सुरक्षाबल तैनात, किसी भी तरह के धरना-प्रदर्शन पर रोक

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में जहां स्थिति सामान्य हो रही है। वहीं शाहीन बाग में बड़ी...
शाहीन बाग में धारा 144 लागू, भारी सुरक्षाबल तैनात, किसी भी तरह के धरना-प्रदर्शन पर रोक

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में जहां स्थिति सामान्य हो रही है। वहीं शाहीन बाग में बड़ी संख्या में पुलिसबल को तैनात किया गया है। धरना स्थल पर प्रदर्शन को लेकर हिंदू सेना की चेतावनी के बाद पुलिस हरकत में आई और एहतियात के तौर पर पुलिस की तैनाती की गई है। बता दें कि शाहीन बाग में ढाई महीने से लगातार धरने पर महिलाएं बैठी हैं और नागरिकता कानून को हटाने की मांग कर रही हैं।

शाहीन बाग में धारा 144 लागू करते हुए दिल्ली पुलिस ने नोटिस जारी कर कहा है कि इस क्षेत्र में न इकट्ठे हों, न ही प्रदर्शन करें। इस आदेश को न मानने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। संयुक्त आयुक्त डीसी श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस का उद्देश्य कानून और व्यवस्था बनाए रखना है और किसी भी अप्रिय घटना को होने से रोकना है। दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनस्थल के आसपास सुरक्षा व्यवस्था तेज कर दी है। प्रदर्शनस्थल के पास धीरे-धीरे बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया जा रहा है। पुलिस सब पर कड़ी निगाह रख रही है। इसके साथ ही प्रदर्शन स्थल की ओर आने वाली सड़कों पर भी निगरानी पुलिस रख रही है।

प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन रद्द

पुलिस उपायुक्त (दक्षिणपूर्व) आरपी मीणा ने कहा, "प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन को समय पर हस्तक्षेप के साथ रद्द कर दिया गया था। लेकिन एहतियात के तौर पर, हमने यहां भारी पुलिस तैनाती की है।" अधिकारी ने कहा कि शाहीन बाग में दो महिला बलों सहित बारह कंपनियों को तैनात किया गया है। हिंदू सेना ने एक बयान में कहा कि पुलिस ने शाहीन बाग आंदोलन के खिलाफ रविवार को उनके विरोध को बंद करने का दबाव डाला।

हिंदू सेना की चेतावनी

दरअसल, हिंदू सेना ने ऐलान किया था कि रविवार को यह प्रदर्शन खत्म करवा दिया जाएगा। हिंदू सेना ने ट्वीट कर एक प्रेस रिलीज जारी की। इस रिलीज में कहा गया था कि एक मार्च यानी रविवार को दिल्ली के शाहीनबाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों को वहां से हटा दिया जाएगा। हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने ट्वीट किया कि दिल्ली पुलिस शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को हटाने में बुरी तरह से असफल रही है। भारत के संविधान के आर्टिकल 14, 19, 21 के तहत वहां आम लोगों के मूल अधिकारों का हनन हो रहा है।

23 मार्च को होगी सुनवाई

शाहीन बाग में प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर अब 23 मार्च को सुनवाई होनी है। याचिका में प्रदर्शनकारियों की ओर से सुरक्षा देने की मांग की गई थी। नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। शाहीन बाग में दिसंबर महीने से विरोध प्रदर्शन चल रहा है, लोग नागरिकता संशोधन कानून को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं। शाहीन बाग पर पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी सार्वजनिक स्थान पर अनंतकाल तक प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है। हालांकि तब सड़क खाली करवाने का कोई आदेश नहीं दिया गया था।

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