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कैसा होगा भारत-पाक के बीच बनने वाला करतारपुर कॉरिडोर? ये है ऐतिहासिक महत्व

आज भारत पाकिस्तान संबंधों को लेकर बड़ा दिन माना जा रहा है। उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू आज सिख समुदाय...
कैसा होगा भारत-पाक के बीच बनने वाला करतारपुर कॉरिडोर? ये है ऐतिहासिक महत्व

आज भारत पाकिस्तान संबंधों को लेकर बड़ा दिन माना जा रहा है। उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू आज सिख समुदाय के करोड़ो लोगों की धार्मिक भावनाओं से जुड़े करतारपुर कॉरिडोर की आधारशिला रखेंगे। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, हरसिमरत कौर, पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी मौजूद रहेंगे।

वहीं 28 नवंबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस कॉरीडोर का शिलान्यास करेंगे। पाकिस्तान में होने वाले इस कार्यक्रम में भारत की ओर से केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और एसएस पुरी शामिल होंगे। यह कॉरीडोर गुरदासपुर जिले के मान गांव से पाकिस्तान से लगने वाली अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक जाएगी। करतारपुर कॉरिडोर खुलने की घोषणा के बाद से श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह है।

नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर लिया फैसला

भारत सरकार ने 2019 में गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में करतारपुर सड़क गलियारे के निर्माण का 22 नवंबर, 2018 को फैसला किया। इस सड़क का निर्माण भारत -पाकिस्तान सीमा तक एकीकृत विकास परियोजना के रूप में किया जायेगा।

इस गलियारे के निर्माण से सिख श्रद्धालु पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब में मत्था टेक सकेंगे। सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू 26 नवंबर, 2018 को पंजाब के गुरदासपुर जिले के मान गांव में एक कार्यक्रम के दौरान डेरा बाबा नानक करतारपुर साहिब सड़क गलियारे के निर्माण की आधारशिला रखेंगे।”

ये है ऐतिहासिक महत्व

पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा सिख समुदाय का पवित्र धार्मिक स्थान है। इसकी स्थापना सिख गुरू द्वारा 1522 में की गई थी। यहां पहले गुरुद्वारा, गुरुद्वारा करतारपुर साहिब का निर्माण किया गया था।

सिखों के पहले गुरू गुरूनानक देव जी ने जीवन के अंतिम 18 साल यहां गुजारे। करतारपुर में ही नानकदेव जी की मत्यु हुई थी।

यहीं पर हुई थी लंगर की शुरूआत

यहीं पर सबसे पहले लंगर की शुरूआत हुई थी। नानकदेव जी ने 'नाम जपो, कीरत करो और वंड छको' का सबक दिया था। करतारपुर साहिब गुरुद्वारा गुरुदासपुर में भारतीय सीमा के डेरा साहिब से महज चार किलोमीटर की दूरी पर है।

कॉरिडोर में हेरिटेज सिटी और यूनिवर्सिटी

यह कॉरिडोर पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक होगा। पाकिस्तान से भी उनकी सीमा के अंदर कॉरिडोर बनाकर सुविधाओं का विकास करने की मांग की जाएगी।

भारत में बनने वाला कॉरिडोर करीब 2 किलोमीटर का होगा. वहीं, पाकिस्तान में भी कॉरिडोर 3 किलोमीटर का होगा।

इस कॉरिडोर को बनाने की लागत पर बाते करें तो भारत की ओर से करीब 16 करोड़ रुपये और पाकिस्तान की ओर से 104 करोड़ रुपये खर्च आएगा।

इस कॉरिडोर की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां हेरिटेज सिटी और यूनिवर्सिटी भी होगी। सुल्तानपुर लोधी को हेरिटेज सिटी बनाया जाएगा। जिसका नाम 'पिंड बाबे नानक दा' रखा जाएगा।

हेरिटेज सिटी में गुरु नानक देव जी के जीवन और उनकी शिक्षा के बारे में बताया जाएगा। गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी में 'सेंटर फॉर इंटरफेथ स्टडीज़' का निर्माण किया जाएगा।

कॉरिडोर के अलावा ब्रिटेन और कनाडा की दो यूनिवर्सिटी में इस सेंटर के नाम के साथ नई पीठ स्थापित की जाएगी। साथ ही गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर खास डाक टिकट और सिक्के जारी किए जाएंगे।

अमेरिका के सिख समुदाय में भी खुशी

अमेरिका में रहने वाले सिख समुदाय के लोगों ने भारत के सीमावर्ती जिले गुरदासपुर से पाकिस्तान के करतारपुर साहिब गुरुद्वारा तक धार्मिक गलियारा बनाने के भारत सरकार के फैसले का स्वागत किया है। सिख समुदाय लंबे समय से इस गलियारे की मांग करता रहा है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ‘सिख ऑफ अमेरिका’ के अध्यक्ष जसदीप सिंह ने कहा, ‘‘करतारपुर साहिब गलियारा बनाने और उसे खोले जाने का भारत सरकार का फैसला ऐतिहासिक है।'

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