देशभर के किसान नए कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। बीते 26 नवंबर से पंजाब, हरियाणा सरीके अन्य राज्यों के किसान भारी संख्या में राजधानी दिल्ली में जमे हुए हैं। किसानों का प्रदर्शन लगातार तेज होता जा रहा है। इस बीच आंदलोन के साथ-साथ इंसानियत की मिसाल भी देखने को मिल रहा है। महिला किसानों के लिए सेनेटरी पैड से लेकर मरीज को ले जा रहे एंबुलेंस को जगह दिया जा रहा है। किसी को कोई परेशानी न हो, इस बात का ख्याल किसानों की तरफ से प्रदर्शन के दौरान रखा जा रहा है।
अब किसानों की मदद और उन्हें जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कई गैर-सरकारी संगठन, समाजसेवी और स्टूडेंड विंग भी आ रहे हैं। किसानों को जरूरी चिकित्सा सुविधा के लिए स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा कैंप लगाए जा रहे हैं। किसान संगठन एक तरफ दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर डटे हुए हैं वहीं, कुछ किसान दिल्ली के बुराड़ी स्थित निरंकारी समागम मैदान में जमे हुए हैं। किसानों की तरफ से साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखा गया है। वो खाने के साथ-साथ अलग-बगल की गंदगियों को खुद से साफ कर स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं। इसमें कई समाजसेवी संगठन भी उनका हाथ बंटा रहे हैं।
नए कृषि कानून को वापस लेने के लिए किसान संगठन लगातार केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं। गुरुवार को इस बाबत करीब आठ घंटे की बैठक चली। लेकिन, कुछ नतीजा नहीं निकला। हालांकि, सरकार और किसान संगठनों ने ये दावा किया है कि केंद्र किसानों की सभी मांगों पर विचार करेगी और उनके हित में सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। इस विरोध प्रदर्शन के बीच पिछले दिनों टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों के बीच फंसे एक एंबुलेस को वहां से निकलने में किसानों ने पूरी मदद की। एंबुलेंस टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों के बीच फंस गई थी, जिसे निकालने के लिए किसानों ने तुरंत रास्ता बनाया और एम्बुलेंस को वहां से निकलवाया।