अयोध्या विवाद पर सुलह का सूत्र बताने वाले मौलाना सलमान नदवी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) से निकाले जाने के बाद फिर से बड़ा बयान दिया है।
नदवी ने कहा है, 'मैं शरीयत के हिसाब से फैसला चाहता हूं और शरीयत में मस्जिद शिफ्ट करने का विकल्प है। मैं हिंदू-मुस्लिम एकता की बात कर रहा हूं। दोनों समुदाय मिलकर बात करेंगे। सबसे पहले अयोध्या जाऊंगा। साधु-संतों के साथ मिलकर बातचीत करेंगे।'
There is scope in Shariyat for shifting the Mosque. I am talking about Hindu-Muslim unity & solving this issue. I will be meeting saints in Ayodhya & also have discussion with Hindu brothers from across India: Salman Nadvi who was expelled by AIPLMB pic.twitter.com/DKi4vcyTvr
— ANI (@ANI) February 11, 2018
नदवी ने अयोध्या विवाद को सुलझाने के लिए सुझाव दिया था कि मंदिर के लिए मस्जिद को शिफ्ट किया जा सकता है। उनके इस बयान से नाराज बोर्ड ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। जानकारी के मुताबिक नदवी हैदराबाद में चल रही बोर्ड की मीटिंग में उन्हें बाहर करने का फैसला लिया गया।
सलमान नदवी ने कोर्ट के बाहर इस विवाद को सुलझाने की पैरवी की थी। मुस्लिम समाज के प्रतिनिधि मंडल की तरफ से मौलाना नदवी श्री श्री रविशंकर से मिलने पहुंचे थे। वहां उन्होंने कहा था कि दोनों पक्ष साथ बैठकर फैसला करें। उन्होंने यह भी कहा था कि मस्जिद को वहां से शिफ्ट करके वहां मंदिर बनाया जाना चाहिए।
सलमान को बाहर निकाले जाने के खबर पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कासिम इलियास ने कहा कि बोर्ड अपने पुराने स्टैंड पर कायम है। मस्जिद न ही हटाई जाएगी और न ही शिफ्ट की जाएगी। सलमान नदवी बोर्ड के स्टैंड से अलग जा रहे थे इसलिए उन्हें बोर्ड से निकाला गया है।