छोटा राजन की गिरफ्तारी को लेकर अटकलें हैं कि उसकी गिरफ्तारी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ समझौते का हिस्सा है। वह 75 से ज्यादा संगीन मामलों में वांछित है जिसमें हत्या से लेकर उगाही, तस्करी और मादक पदार्थों की तस्करी के मामले शामिल है। कभी अपराध जगत के सरगना दाउद इब्राहिम के विश्वस्त रहे छोटा राजन ने बाली में संवाददाताओं को बताया, मैंने कभी भी समर्पण नहीं किया। मैं भारत वापस जाना चाहता हूं। जिम्बाॅब्वे वापस नहीं जाना चाहता हूं।
छोटा राजन भारत के सबसे वांछित गैंगस्टरों में से एक है। उसे इंटरपोल द्वारा जारी रेड काॅर्नर नोटिस पर इंडोनेशिया में बाली से गिरफ्तार किया गया है। वह पिछले दो दशक से भी ज्यादा वक्त तक कानून प्रवर्तन एजेंसियों को चकमा देता रहा है। हालांकि, उस पर भारतीय खुफिया एजेंसियों के लिए काम करने के आरोप भी लगते हैं। उसके खिलाफ 75 मामलों में से चार मामले टाडा के, एक मामला पोटा और 20 से ज्यादा मामले मकोका के तहत दर्ज हैं।
इधर, छोटा राजन को भारत वापस लाने की तैयारियों के बारे में खुफिया एजेंसिया मौन हैं क्योंकि अंडरवल्र्ड डाॅन दाउद इब्राहिम और उसके गिरोह के साथ धुर दुश्मनी के चलते उसकी सुरक्षा को लेकर चिंता बनी हुई है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां गैंगस्टर को वापस लाने के लिए संभवत: एक दल भेज सकती हैं। सूत्रों का कहना है कि राजन पिछले छह महीने से भारत वापस आने के लिए विभिन्न पुलिस अधिकारियों के संपर्क में था क्योंकि उसे आॅस्ट्रेलिया में छोटा शकील से अपनी जान को खतरा था। शकील दाउद का गुर्गा है। वर्ष 2000 में, बैंकाक के एक होटल में दाउद के गुर्गों ने उसे ढूंढ लिया था और उस पर जानलेवा हमला किया था, लेकिन वह किसी तरह बच निकलने में कामयाब रहा था।