भारत-पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की यूएनजीए में होने वाली मुलाकात अब नहीं होगी। बैठक रद्द किये जाने के पीछे जम्मू कश्मीर में तीन सुरक्षाकर्मियों की ‘बर्बर हत्या’ और कश्मीरी आतंकवादी बुरहान वानी के नाम पर डाक टिकट जारी किये जाने को कारण बताया गया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के पत्रों की भावना को देखते हुए इस मुलाकात का निर्णय लिया था। लेकिन उनकी वार्ता की बात के पीछे उनके नापाक इरादे हैं, इसका खुलासा हो चुका है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने कहा, ‘‘ पाकिस्तान स्थित तत्वों की ओर से सुरक्षा कर्मियों की बर्बर हत्या और एक आतंकवादी को महिमामंडित करते हुए 20 डाक टिकटों की श्रृंखला हाल में जारी करने की घटना और आतंकवाद से इस बात की पुष्टि होती है कि पाकिस्तान अपना रास्ता नहीं सुधारेगा।’’
रवीश कुमार ने कहा कि अब यह लग रहा है कि पाकिस्तान की नई शुरुआत के पीछे, उनके वार्ता के प्रस्ताव के पीछे नापाक इरादे हैं, जिसका खुलासा हो चुका है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का असली चेहरा बहुत जल्द सामने आ गया है। ऐसे में भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की न्यूयॉर्क में कोई मुलाकात नहीं होगी। रवीश कुमार ने कहा, ऐसे समय पर भारत और पाकिस्तान के बीच कोई बातचीत अर्थहीन है।
बता दें कि इस मुलाकात को लेकर सरकार पहले से ही उहापोह की हालत में थी। लेकिन इसी बीच सीमा पर बीएसएफ जवान के शव के साथ पाकिस्तानी सेना की ओर से की गई बर्बरता का मामला सामने आ गया। इस घटना के बाद सरकार ने मुलाकात रद्द करने का फैसला लिया।
पाक के प्रस्ताव पर भारत हुआ था राजी
एक दिन पहले गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि पाकिस्तान के आग्रह पर विदेश स्तर की बातचीत करने के लिए तैयार हो गया है। भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच मुलाकात होगी, हालांकि मुलाकात की जगह, समय और तारीख अभी बाद में तय होगी।
पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के लेटर में यह प्रस्ताव दिया गया था कि इस माह के अंत में न्यूयॉर्क में आयोजित होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के दौरान भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बीच बातचीत हो। इमरान खान ने यह प्रस्ताव भी रखा था कि भारत जल्दी से जल्दी पाकिस्तान में सार्क सम्मेलन आयोजित कराने पर विचार करे।
अमेरिका ने बताया था ‘शानदार’
भारत और पाकिस्तान की मुलाकात की खबर को अमेरिका ने भी 'शानदार' बताया था। अमेरिका ने उम्मीद जताई थी कि इससे भविष्य में दोनों पड़ोसी देशों के बीच अच्छे और मजबूत संबंध का मार्ग प्रशस्त होगा। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नॉर्ट ने पत्रकारों से कहा, 'हमने भारत और पाक के नेताओं की मुलाकात को लेकर न्यूज रिपोर्ट देखी है। मेरा मानना है कि यह भारतीयों और पाकिस्तानियों के लिए बड़ी खबर है कि उनके नेता साथ बैठेंगे और बातचीत करेंगे।'