सामरिक एवं अत्यंत सुरक्षित रक्षा संचार नेटवर्क (डीसीएन) की पहुंच लद्दाख से लेकर पूर्वोत्तर और द्वीप क्षेत्रों तक पूरे भारत में है। साउथ ब्लॉक में नेटवर्क का उदघाटन करने वाले रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इसे हमेशा पूरी तरह सुरक्षित रखे जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा का मुगालता पैदा नहीं होना चाहिए और मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन किया जाना चाहिए। पर्रिकर ने कहा कि यह नेटवर्क सैन्य प्रक्रिया के सभी चरणों में उस सहयोग (ज्वाइंटमैनशिप) की ओर एक कदम है, जिसे सरकार सशस्त्र बलों में लाने की कोशिश कर रही है।
तीनों बलों के अपने स्वयं के कमान, संचार एवं खुफिया नेटवर्क हैं लेकिन ऐसा पहली बार है जब बड़े स्तर पर तालमेल के लिए एक समर्पित नेटवर्क होगा। सिग्नल ऑफिसर इन चीफ लेफ्टिनेंट गवर्नर नितिन कोहली ने कहा, इन दिनों युद्ध कैसे लड़े जाते हैं, यह बात तकनीक निर्धारित करती है। इस नेटवर्क की पहुंच पूरे भारत में है और यह इस तथ्य का प्रमाण है कि भारतीय सेना एवं सिग्नल कोर उनके सामने आने वाली हर प्रकार की चुनौती एवं जिम्मेदारी से निपटने में सक्षम है। डीसीएन का निर्माण एचसीएल ने करीब 600 करोड़ रुपए की परियोजना के तहत किया है। यह नेटवर्क देशभर में फैले 111 प्रतिष्ठानों को कवर करता है और उच्च गुणवत्ता वाली आवाज, वीडियो, डेटा सेवाएं मुहैया कराता है।