इसके अलावा इसरो इस साल सितंबर तक अंतरिक्ष विज्ञान के लिए भारत के पहले समर्पित उपग्रह एस्ट्रोसेट का प्रक्षेपण भी करेगा।
इसरो के अध्यक्ष ए.एस. किरण कुमार ने कहा, यह शुरुआती स्तर पर है। अनेक प्रयोग हैं, जिन्हें पूरा करने की जरूरत है। पहला प्रक्षेपण जुलाई में है और इससे लागत सुधारने में मदद मिलेगी। इससे लागत दसवें हिस्से तक कम हो सकती है। उन्होंने कहा, यह प्रक्षेपण यान पहली बार समुद्र में उतरेगा और बाद के प्रयासों में हम इसे श्रीहरिकोटा में एक हवाई पट्टी पर उतारने की कोशिश करेंगे। राजग सरकार के एक साल पूरा होने के मौके पर अंतरिक्ष के क्षेत्र में उपलब्धियों को बताने के लिए संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत अगले साल इंडियन रीजनल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम (आईआरएनएसएस) श्रृंखला के दो उपग्रहों का और इससे अगले साल तीन उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगा।
मंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष विभाग ने पिछले एक साल में 11 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया है। कुमार ने कहा, एस्ट्रोसेट उपग्रह के प्रक्षेपण में इसलिए देरी हुई क्योंकि पेलोड के एक घटक को लेकर एक समस्या थी। अब उपग्रह पूरी तरह से तथा इसका प्रक्षेपण इस साल सितंबर में किया जाएगा। अंतरिक्ष सचिव की भी जिम्मेदारी निभा रहे कुमार ने कहा कि देश के चंद्र मिशन को उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए तीन साल और लगेंगे। मंगल मिशन के बारे में बात करते हुए उन्होंने मिशन से प्राप्त तस्वीरों के बारे में बताया।
उन्होंने कहा, हमारा नासा के साथ कामकाजी समझौता है। हम फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी सीएनईएस के साथ भी चर्चा कर रहे हैं। हाल ही में हमने यूएई के साथ चर्चा की थी। वह 2020 तक मंगल मिशन चाहता है और इसलिए वह हमारे अनुभवों का उपयोग करना चाहता है।