इस बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में दुनिया भर के वे जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता तथा सामाजिक आंदोलन चलाने वाले लोग शामिल हैं, जिन्हें राइट लाइवलिहुड अवार्ड मिल चुका है। इस पुरस्कार को वैकल्पिक नोबल माना जाता है। इनमें कनाडा के डॉ. एम. बारलो, मलेशिया के प्रो. अनवर फजल, चीन के बेसिल फरनेंडो सहित 23 लोग शामिल हैं। इस बयान में कहा गया कि 24 और 25 अप्रैल को पंजाब केसरी, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, नवोदय टाइम्स और एबीपी न्यूज चैनल पर यह खबर चली की हिंदू महासभा के हरियाणा के सदस्य ने स्वामी अग्निवेश का सर कलम करने वाले को 50 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की है। (यह खबर चैनल की वेबसाइट पर भी है।) संगठन के बयान में कहा गया है कि यह सरासर हिंसात्मक बयान है और शर्मनाक है। हम पूरी तरह से स्वामी अग्निवेश के साथ हैं। बयान में हरियाणा पुलिस से इस मामले की जांच करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की है। इसमें मीडिया द्वारा हिंसा भरी खबर को गौरान्वित करने के अंदाज में छापने पर भी गहरी चिंता व्यक्त की गई। बयान में यह भी कहा गया है कि इन संबंधित मीडिया घरानों के संपादकों को माफी मांगने को कहा है और प्रेस परिषद से इस बाबत संज्ञान लेने का आग्रह भी किया गया है।
गौरतलब है कि यह सारा हंगामा, स्वामी अग्निवेश की कश्मीर यात्रा के बाद शुरू हुआ जहां उन्होंने 18 अप्रैल को यह कहा था कि कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए कुछ शर्तें लगाई जानी चाहिए और उन्हें अलग से टाउनशिप के बजाय मुस्लिम पड़ोसियों के सात ही बसाया जाना चाहिए। इसी के बाद हिंदू महासभा के हरियाणा के सदस्य ने खुलेआम स्वामी अग्निवेश का सर कलम करने पर पांच लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी।