उन्होंने बताया कि तय समयानुसार दो स्टेज/इंजन आरएच-560 साउंडिंग रॉकेट ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से उड़ान भरी। उन्होंने कहा कि इन इंजनों का सिर्फ छह सेकंड के लिए ही परीक्षण किया गया।
इसरो के सूत्रों के मुताबिक स्क्रैमजेट इंजन का प्रयोग केवल रॉकेट के प्रक्षेपण के दौरान वायुमंडलीय चरण के दौरान होता है। इससे ईंधन में ऑक्सीडाइजर की मात्रा को कम करके प्रक्षेपण पर आने वाले खर्च में कटौती की जा सकेगी।