जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने अपने पैरोल की अर्जी सोमवार को वापस ले ली। उन्होंने हरियाणा के सिरसा में अपने खेतों में खेती के लिए पैरोल के लिए याचिका दी थी।
हरियाणा जेल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'उसने अपनी परोल की अर्जी सोमवार को वापस ले ली।' राम रहीम बलात्कार के दो मामलों और एक पत्रकार की हत्या के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद हरियाणा के रोहतक जिले में सुनारिया जेल में बंद है। उसने सिरसा जिले में अपने खेतों की देखरेख के लिए 42 दिन की पैरोल मांगी थी। राम रहीम की पैरोल अर्जी आने के बाद जेल अधीक्षक ने सिरसा जिला प्रशासन को पत्र लिखा था।
अधिकारी ने 18 जून की तिथि वाले एक पत्र में इस बारे में एक रिपोर्ट मांगी थी कि राम रहीम को पैरोल पर रिहा करना व्यावहारिक होगा या नहीं। जेल अधीक्षक ने पत्र में उल्लेख किया था कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख का जेल में व्यवहार अच्छा था और उसने नियम का कोई उल्लंघन नहीं किया। सिरसा जिला प्रशासन से रोहतक मंडल आयुक्त को एक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया था जिसकी एक प्रति जेल अधीक्षक को भी भेजने के लिए कहा गया था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पिछले महीने कहा था कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख की परोल अर्जी पर निर्णय राज्य के हितों को देखते हुए किया जाएगा।
पैरोल के विरोध में रामचंद्र छत्रपति के परिजनों ने सौंपा ज्ञापन
गुरमीत राम रहीम को पैरोल न देने के मामले में सोमवार को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के परिजनों और कुछ लोगों ने वकील रणजीत भांबू की अध्यक्षता में उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। एडवोकेट भांबू ने कहा कि डेरा मुखी को पैरोल नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि दो साल पहले राम रहीम की गिरफ्तारी के समय सिरसा का आर्थिक नुकसान हुआ था।
शहर में आतंक का माहौल बन गया था। छत्रपति के भतीजे रूप कुमार ने कहा कि अगर डेरा मुखी को पैरोल मिलती है तो उनके परिवार को भी जान का खतरा है। अगर वह एक बार बाहर आ गया तो कभी वापस जेल नहीं जाएगा। इस पर उपायुक्त ने कहा कि यह मामला अभी विचाराधीन है।
एजेंसी