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जम्मू कश्मीर के राजौरी में मुठभेड़, एक और आतंकी को मार गिराया

जम्मू और कश्मीर के राजौरी जिले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच एक दिन पहले शुरू हुई मुठभेड़ में...
जम्मू कश्मीर के राजौरी में मुठभेड़, एक और आतंकी को मार गिराया

जम्मू और कश्मीर के राजौरी जिले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच एक दिन पहले शुरू हुई मुठभेड़ में बुधवार को एक और आतंकवादी को मार गिराया गया। पहले ही एक आतंकी मुठभेड़ में मारा जा चुका है। इस मुठभेड़ में एक आर्मी जवान भी शहीद हो गया। 

जम्मू के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुकेश सिंह ने कहा, "राजौरी के नरला इलाके में चल रही मुठभेड़ में दूसरे आतंकवादी को मार गिराया गया है।"

न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से बताया कि यह मुठभेड़ मंगलवार को नरला क्षेत्र से शुरू हुई थी। गोलीबारी में अबतक एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर सहित तीन सुरक्षा कर्मी घायल हुए हैं। 

जम्मू के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने मंगलवार को कहा, "एक आतंकवादी ढेर हुआ है। एक आर्मी जवान ने जान गंवा दी, एक पुलिस एसपीओ सहित तीन अन्य इस मुठभेड़ में घायल हो गए।" इसके अलावा छह वर्षीय डॉगी (फीमेल लैब्राडोर) ने मुठभेड़ के दौरान अपने संचालक की रक्षा करते हुए अपनी जान दे दी।

भारतीय सेना, जम्मू के जनसंपर्क अधिकारी ने मंगलवार को एक बयान जारी कर बताया कि केंट, 21 आर्मी डॉग यूनिट का एक डॉगी, भागते हुए आतंकवादियों की तलाश में सैनिकों के एक समूह का नेतृत्व कर रहा था, जब वह भारी गोलीबारी की चपेट में आ गया और घटनास्थल पर ही मर गया। बयान में कहा गया है कि केंट 'ऑपरेशन सुजलीगाला' में सबसे आगे था।

बता दें कि पिछले हफ़्ते रियासी जिले में भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में भी एक आतंकवादी ढेर हुआ था। अधिकारियों ने कहा कि मुठभेड़ के बाद तलाशी के दौरान मैगजीन के साथ एक एके सीरीज असॉल्ट राइफल सहित युद्ध जैसे सामान बरामद किए गए।

अधिकारियों ने बताया कि भारतीय सेना ने तीन सितंबर को इसी क्षेत्र में एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) को ध्वस्त कर दिया था।

दो हफ़्ते पहले, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कहा था कि उन्होंने उन आतंकवादियों को शरण देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने इस साल जनवरी में जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के ढांगरी गांव में पांच निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी थी।

इस साल 1 जनवरी को अज्ञात आतंकवादियों के हमले में पांच लोगों की मौत हो गई और अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। मामला शुरू में राजौरी पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया था। बाद में इसे एनआईए ने ले लिया और 13 जनवरी को दोबारा पंजीकरण किया था।

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