तेल विपणन कंपनियों को कश्मीर घाटी में एलपीजी सिलेंडरों की दो महीने की आपूर्ति का स्टॉक रखने का निर्देश देने संबंधी एक सरकारी आदेश को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध के मद्देनजर इस आदेश को लेकर अटकलें लगाई जा रही है। वहीं दूसरी ओर नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने इस तरह के कदम की जरूरत पर सवाल उठाया है।
कश्मीर में खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग के निदेशक द्वारा जारी किए गए 27 जून के आदेश के अनुसार, जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल जी सी मुर्मू ने 23 जून को एक बैठक में दिशा-निर्देश पारित किए हैं कि ‘‘भूस्खलन की घटनाओं के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग के बंद होने के कारण एलपीजी का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित किया जाये।’’
उमर अब्दुल्ला ने उठाए सवाल
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय बलों के ठहरने का प्रावधान करने के लिए गंदेरबल जिला पुलिस की एक और विज्ञप्ति का हवाला दिया और कहा कि इस तरह के आदेश कश्मीर में दहशत पैदा करते हैं और हम सरकार से स्पष्टीकरण की मांग करते हैं। नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता तनवीर सादिक ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा कि कश्मीर के लोग एक और साल ‘‘भय और बेचैनी’’ में नहीं बिता सकते हैं।
सीएपीएफ के ठहरने के लिए इमारतों की ज़रूरत
गंदेरबल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अपनी विज्ञप्ति में जिला प्रशासन से मध्य कश्मीर जिले में आईटीआई इमारतों, मध्य और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों समेत 16 शैक्षणिक संस्थानों को उपलब्ध कराये जाने का आग्रह किया है। एसएसपी ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के ठहरने के लिए इन इमारतों की आवश्यकता है।