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जम्मू-कश्मीर में दहशत के बीच पेट्रोल-डीजल की किल्लत, कई इलाकों में एटीएम भी खाली

जम्मू-कश्मीर के शहरों और गांवों के छोटे-बड़े सभी किराना और डिपार्टमेंटल स्टोर्स से रोजमर्रा के सामान...
जम्मू-कश्मीर में दहशत के बीच पेट्रोल-डीजल की किल्लत, कई इलाकों में एटीएम भी खाली

जम्मू-कश्मीर के शहरों और गांवों के छोटे-बड़े सभी किराना और डिपार्टमेंटल स्टोर्स से रोजमर्रा के सामान तेजी से खत्म हो रहे हैं। पेट्रोल पंप पर तेल खत्म हो रहा है और डीजल-पेट्रोल भरवाने के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगी हैं। यहां तक कि लोग कैन लेकर पेट्रोल पंप पर इस विश्वास में कतार में लगे हैं कि पेट्रोल-डीजल आने पर वे खरीद सकें।

अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि वे आपात स्थिति में मरीजों को देखने के लिए डॉक्टरों को मौजूद रहने के लिए कहें। श्रीनगर शहर और गांदरबल, बड़गाम, पुलवामा, कुलगाम, बारामूला, शोपियां, कुपवाड़ा और सोपोर जिलों में एटीएम खाली हो चुके हैं, क्योंकि लोगों में डर है कि किसी भी समय अनिश्चिकालीन कर्फ्यू लग सकता है और इसलिए उन्होंने एटीएम से धड़ाधड़ पैसे निकाल लिए हैं।

श्रीनगर के सबसे बड़े एमएमएचएस हॉस्पिटल के सुपर स्पेशलिस्ट ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को डॉ. निसार शाह ने बताया, 'आपातकालीन स्थितियों के लिए एंबुलेंस को तैयार रखा गया है। हमें निर्देश दिया गया है कि अस्पताल के क्वॉटर्स में रहें या अस्पताल के आसपास रहें, ताकि किसी भी वक्त मरीजों को देख सकें।'

हमारे सभी कुशल मजदूर डर के कारण वापस लौट गए

बड़गाम जिले के चादुरा क्षेत्र में ईंट भट्ठा चलाने वाले अली मुहम्मद डार बताते हैं कि उनके कुशल मजदूर हर साल की तरह इस साल भी काम करने के लिए अप्रैल में आ गए थे। ताकि सर्दियों से पहले वे काम खत्म कर लौट सकें। मुहम्मद डार ने कहा, 'इस साल हमारा व्यवसाय खत्म हो गया है। उत्तर प्रदेश के हमारे सभी कुशल मजदूर डर के कारण वापस लौट गए। घाटी में कोई भी स्थानीय निवासी ईंट भट्ठा का काम नहीं करता है, क्योंकि कुशल और अकुशल दोनों तरह के मजदूर राज्य के बाहर से ही आते हैं। अब हम क्या करेंगे?'

अली मुहम्मद डार की तरह ही अन्य ईंट भट्ठा मालिक और अन्य छोटे व्यवसायियों की आजीविका पूरी तरह राज्य के बाहर से आनेवाले कर्मचारियों पर निर्भर है। यहां तक कि घाटी में धान की कटाई, सर्दियों में फसलों की निराई, गुड़ाई पिछले कई सालों से पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार से आने वाले मजदूर करते हैं।

पता नहीं जंग हो रही है या कुछ और…’

एक सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी नूर मोहम्मद वानी का कहना है, 'हमारे अधिकतर नाई, बढ़ई, राजमिस्त्री, पेंटर राज्य के बाहर के ही होते हैं। उन्होंने घाटी से निकलना शुरू कर दिया है।' श्रीनगर के शिवपोरा क्षेत्र में रहने वाले रिटायर्ड बिजली विकास आयुक्त शौकत अहमद वानी का कहना है, 'अल्लाह को हर किसी की हिफाजत करनी चाहिए। पता नहीं जंग हो रही है या कुछ और।'

हर कोई चिंतित

चिंतित माता-पिता बच्चों को समझा रहे हैं कि यदि कर्फ्यू लगता है तो वे बाहर न निकलें। कश्मीर विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र पढ़ानेवाली एलिजाबेथ मरयम कहती हैं, 'क्या कुछ भी नहीं चलेगा? क्या मोबाइल फोन्स, इंटरनेट और यहां तक कि फिक्स्ड लैंडलाइन फोन भी काम करना बंद कर देंगे? अगर ऐसा होता है तो जहन्नुम होगा और कोई भी घर से बाहर नहीं निकल सकेगा।'

बाहरी छात्रों को घाटी छोड़ने का निर्देश

श्रीनगर के एनआईटी प्रशासन ने छात्रों को को घाटी छोड़ने के निए निर्देश जारी किया है। वहीं, गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रिंसिपल ने छात्रों को हॉस्टल खाली करने को कह दिया है।

इस निर्देश के बाद तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से संबंधित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान श्रीनगर के लगभग 135 छात्र अपने राज्य लौट रहे हैं।

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव ने ट्वीट किया कि तेलुगु छात्र जम्मू पहुंच गए हैं और सरकार हैदराबाद लौटने के लिए उनके लिए रेल टिकट की व्यवस्था कर रही है।

नहीं लगेगा कैंसिलेशन चार्ज: रेलवे

जम्मू-कश्मीर से वापस आने को तैयार यात्रियों के लिए रेलवे ने फैसला किया है कि मंगलवार सुबह तक यात्रियों से कोई कैंसिलेशन चार्ज नहीं लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक रेलवे ने जम्मू कश्मीर से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए टिकट रद्द करने पर लगने वाले शुल्क को अगले 48 घंटे के लिए माफ कर दिया है।

एअर इंडिया ने श्रीनगर का किराया तय किया

श्रीनगर से वापस आने के लिए यात्रियों के बीच होड़ मची है। वहीं कुछ एयरलाइंस कंपनियों ने किराया बढ़ा दिया है। वहीं उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइंस को एडवायजरी जारी कर कहा है कि अमरनाथ यात्रा से लौट रहे यात्रियों के किरायों पर लगाम लगाई जाए। इस बीच एअर इंडिया ने दिल्ली से श्रीनगर और श्रीनगर से दिल्ली आने-जाने का किराया फिक्स कर दिया है। एअर इंडिया ने इसके लिए 9500 रुपये किराया तय किया है। एअर इंडिया का ये आदेश 15 अगस्त तक लागू होगा।

महबूबा मुफ्ती ने की सभी दलों से ये अपील

जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात को देखते हुए राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि अगर राज्य में सब ठीक है तो केंद्र की ओर से ऐसे आदेश क्यों दिए जा रहे हैं। महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'आखिर एनआईटी के छात्रों को जाने के लिए क्यों कहा गया?'

महबूबा मुफ्ती का कहना है कि कश्मीर की पहचान को बचाने के लिए सभी मुख्यधारा की पार्टियों को एकजुट होना चाहिए। जम्मू कश्मीर के नेताओं के अलग अलग बयान आ रहे हैं। एक दिन पहले ही सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए एडवाइजरी जारी की और अमरनाथ यात्रा को रोक दिया, जिसके बाद से ही जम्मू कश्मीर में टेंशन बनी हुई है।

राज्यपाल का आश्वासन- जम्मू-कश्मीर में कुछ होने की खबर केवल अफवाह

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ राज्यपाल से मुलाकात की। अमरनाथ यात्रा के स्थगन पर उन्होंने चिंता जताई और राज्यपाल के सामने इस मुद्दे को रखा। उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि जम्मू-कश्मीर में कुछ होने बड़ा होने की खबर केवल अफवाह है। कुछ होने नहीं जा रहा है।

हाई अलर्ट पर सुरक्षाबल

एक अधिकारी के अनुसार, जम्मू में एयरबेस और सैन्य प्रतिष्ठानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और उन्हें हमेशा 'रेडी' मोड पर रहने के लिए बोला गया है। वहीं, जम्मू के एयरफोर्स स्टेशनों और सिविल एयरपोर्ट पर ड्रोन्स को भी मंडराते देखा गया है। अफसर ने बताया कि अर्धसैनिक बलों की कई बटालियनें आईबी और एलओसी के साथ सेना और बीएसएफ के जवानों की अतिरिक्त तैनाती किश्तवाड़, भद्रवाह, डोडा, बनिहाल और रामबन में की गई है।

 एजेंसी इनपुट

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