तिरंगे में लिपटे जवान के पार्थिव शरीर को सेना के वाहन में यहां स्थित उनके पैतृक गांव लाया गया। इस दौरान गांव के साथ ही आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोगों ने जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की। शहीद के शव को आतंकवादियों ने क्षत-विक्षत कर दिया था। जवान को सेना की ओर से बंदूकों की सलामी दी गई। मंदीप को मुखाग्नि उनके पिता ने दी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, सेना के वरिष्ठ अधिकारी और जिला प्रशासन के अधिकारी इस मौके पर उपस्थित थे।
इस दौरान ग्रामीणों ने शहीद मंदीप अमर रहे के नारे लगाये और पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी भी की। मंदीप के परिवार और ग्रामीणों ने कहा कि 30 वर्षीय जवान मंदीप को दिवाली मनाने और अपने नवनिर्मित मकान संबंधी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अपने घर आना था लेकिन वह तिरंगे में लिपटे आये।
मंदीप के परिवार और ग्रामीणों ने मांग की कि केन्द्र सैनिक की शहादत का बदला ले और पाकिस्तान को सबक सिखाये। जवान के गांव के लोगों ने कहा कि शहीद की शहादत का सम्मान करते हुए वे इस वर्ष दिवाली नहीं मनाएंगे। यद्यपि प्रत्येक घर ने उनकी याद में एक दीपक जलाने का फैसला किया है।
भाषा