स्पेशल कोर्ट ने उन्हें और तीन अन्य को इसी मामले में दोषी करार देते हुए चार साल की सजा सुनाई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने फैसले को पलटते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। विशेष अवकाशकालीन एकल पीठ के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सी.आर. कुमारस्वामी ने सुबह 11 बजे फैसला सुनाया। पूर्व मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके प्रमुख जयललिता और उनके लाखों समर्थकों के लिए सोमवार का दिन बेहद अहम और खुशी भरा है। इस सुनवाई के मद्देनजर अदालत के आसपास निषेधाज्ञा लगाई गई है।
यह निषेधाज्ञा रात नौ बजे तक प्रभावी रहेगी। इससे पहले नगर पुलिस आयुक्त एम.एन. रेड्डी ने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगाने का निर्देश दिया। धारा 144 के तहत हाईकोर्ट के आसपास की एक किलोमीटर की परिधि में लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाई गई। याचिका में आय से अधिक संपत्ति के मामले में विशेष अदालत के सजा के फैसले को चुनौती दी गई थी। पिछले साल 27 सितंबर को विशेष अदालत ने जयललिता को चार साल की सजा सुनाने के साथ-साथ 100 करोड़ का भारी जुर्माना भी लगाया था।
विशेष अदालत का फैसला रद्द होने के बाद जयललिता के पास एक बार फिर तमिलनाडु का मुख्यमंत्री बनने का मौका है। यह फैसला इसलिए भी अहम है क्योंकि इससे राज्य की राजनीतिक पटकथा प्रभावित हो सकती है। तमिलनाडु में करीब सालभर बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता की अपील पर सुनवाई पूरी करने के लिए तीन महीने की समय सीमा तय की थी। ये फैसला उस समय सीमा के एक दिन पहले सुनाया गया है। निचली अदालत ने जयललिता और उनकी करीबी शशिकला एंव उनके दो अन्य रिश्तेदारों इलावरासी और सुधाकरण को पिछले साल 27 सितंबर को चार साल जेल की सजा सुनाई थी।
उसने जयललिता पर 100 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना भी लगाया था, जबकि तीन अन्य पर 10-10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था। उधर चेन्नई में अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं ने रविवार को मंदिरों में पूजा अर्चना की और जयललिता के पक्ष में अनुकूल फैसला के लिए प्रार्थनाएं कीं। मुख्यमंत्री के रूप में जयललिता की वापसी की कामना करते हुए महिला कार्यकर्ताओं ने पारंपरिक तरीके से मंदिरों में पूजा की, दीप जलाए और नारियल चढ़ाए। अन्नाद्रमुक के मुखपत्र डॉ नमधु एमजीआर में ऐसी ही कामना व्यक्त करते हुए प्रतिद्वंद्वी द्रमुक पर निशाना साधा गया।
तिरूवरूर में पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं ने माथे पर दूध का बर्तन लेकर जुलूस निकाला। यह जुलूस प्राचीन त्यागराज मंदिर में संपन्न हुआ। तमिलनाडु में कई अन्य स्थानों से भी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पूजा अर्चना किए जाने की खबरें भी आयीं।