जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में फीस बढ़ोतरी और ड्रेस कोड सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर 15 दिन से छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के आश्वासन के बाद भी छात्रों ने आंदोलन जारी रखने की बात कही है। गौरतलब है कि सोमवार को छात्रों और पुलिस के बीच भी भिड़ंत देखने को मिली। जेएनयू छात्रों के प्रदर्शन के चलते मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक 6 घंटे तक कैंपस में ही फंसे रहे। छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए सुबह से ही परिसर में पुलिस मौजूद थी। जेएनयू से लगभग तीन किलोमीटर दूर एआईसीटीई का गेट बंद कर दिया गया था, जहां दीक्षांत समारोह हो रहा था। कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल मौजूद थे।
दरअसल, छात्र जहां बढ़ी हुई फीस का लंबे समय से विरोध कर रहे हैं। वहीं, हाल ही में जेएनयू के हॉस्टल में नया मैनुअल जारी किया गया है। इसके बाद सोमवार सुबह को छात्रों ने इसका उग्र विरोध शुरू कर दिया। स्थिति को संभालने के लिए लगभग 600 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। इस आंदोलन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, आईसा, एआईएसएफ और एसएफआई सभी छात्र संगठन हिस्सा ले रहे हैं।
छात्र इसलिए कर रहे हैं प्रदर्शन
-विश्वविद्यालय के नए नियमों के अनुसार हॉस्टल फीस में भारी भरकम बदलाव किया गया है। प्रशासन का कहना है कि पिछले 14 सालों से हॉस्टल के फ़ीस स्ट्रक्चर में बदलाव नहीं किया गया था। पहले डबल सीटर कमरे का किराया 10 रुपये थी जिसे बढ़ा कर 300 रुपये प्रति महीना किया गया। जबकि सिंगल सीटर कमरे का किराया 20 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये रखा गया है।
-वन टाइम मेस सेक्टोरिटी फीस 5500 रुपये से बढ़ा कर 12000 रुपये कर दिया गया है।
-रात 11 बजे या अधिकतम 11.30 बजे के बाद छात्रों को अपने हॉस्टल के भीतर रहना होगा और बाहर नहीं निकल सकेंगे। अगर कोई अपने हॉस्टल के अलावा किसी अन्य हॉस्टल या कैंपस में पाया जाता है तो उसे हॉस्टल से निकाला जाएगा।
-नए मैनुअल में ये भी लिखा गया है कि लोगों को डाइनिंग हॉल में ''उचित कपड़े'' पहन कर आना होगा।
‘गरीब परिवारों से आते हैं छात्र’
आंदोलनकारी छात्र नेताओं का कहना है, 'हम बीते 15 दिनों से फीस में इजाफे का विरोध कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी में कम से कम 40 फीसदी छात्र ऐसे हैं, जो गरीब परिवारों से आते हैं। आखिर ये छात्र कैसे अपनी पढ़ाई जारी रख पाएंगे?'
छात्र मानव संसाधन विकास मंत्री से मिले
जेएनयूएसयू के छात्रसंघ पोखरियाल से मिले। उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर गौर किया जाएगा। मंत्री से मिलने के बाद कुछ प्रदर्शनकारी मौके से चले गए लेकिन छात्र संघ के नेता और कई अन्य वहीं रूके रहे और उन्होंने जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार से मुलाकात होने तक जाने से इनकार कर दिया। अधिकारी ने कहा, 'उन्हें अंतत: शाम 7 बजे तितर-बितर कर दिया गया।' उन्होंने बताया कि छात्रों का कहना है कि वे विश्वविद्यालय में शुल्क वृद्धि के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।
600 से अधिक सुरक्षाकर्मी थे तैनात
जवाहरलाल नेहरू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के स्टू़डेंट्स के विरोध प्रदर्शन को संभालने के लिए 600 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि 'छात्रों पर लाठीचार्ज नहीं किया गया।' छात्रों का दावा है कि पुलिस ने उनके खिलाफ बल का प्रयोग किया और उनमें से कई छात्र घायल हो गए। फीस वृद्धि के विरोध में प्रदर्शन के दौरान जेएनयू के हजारों छात्रों का पुलिस के साथ संघर्ष हो गया और इस वजह से मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक छह घंटे से भी अधिक समय तक यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह स्थल पर फंसे रहे। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वरिष्ठों का आदेश था कि बल का इस्तेमाल नहीं करना है। उन्होंने कहा, 'हम अपने साथ लाठियां तक लेकर नहीं आए थे। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा लेकिन छात्रों पर लाठीचार्ज नहीं किया गया है।' अधिकारी ने कहा, 'वास्तव में, हमारे कई पुलिसकर्मी और महिलाएं घायल हो गईं।'