इस मामले में एचसी गुप्ता को दोषी ठहराने वाले जज भरत पराशर ने कहा है कि पूर्व कोयला सचिव ने प्रधानमंत्री के सामनेे गलत तरीके से तथ्य पेश किए। जबकि मनमोहन सिंह को गुप्ता की अध्यक्षता वाली स्क्रीनिंग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर फैसला लेना था। उल्लेखनीय है कि उस समय कोयला मंत्रालय का प्रभार भी मनमोहन सिंह के पास ही था।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, विशेष अदालत ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री के पास यह मान लेने की कोई वजह नहीं थी कि कोल ब्लाॅॅॅक के आवंटन में दिशानिर्देशों का पालन नहीं हुआ। ऐसा प्रतीत होता है कि मनमोहन सिंह ने यह सोचकर स्क्रीनिंग कमेटी की सिफारिशों को मंजूर किया कि कोयला मंंत्रालय में आवेदनों की जांच हुई होगी। या फिर स्क्रीनिंग कमेटी ने दिशानिर्देशों का पालन किया होगा।
कोयला घोटाले से जुड़े एक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और मंत्रालय निदेशक रहे केसी सामरिया को कोल ब्लॉक आवंटन में गड़बड़ियों का दोषी ठहराया है।