पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ तमिलनाडु के रामेश्वरम में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई गणमान्य लोग रामेश्वरम पहुंचे। डॉ. कलाम के अंतिम दर्शनों के लिए कल से ही जनसैलाब उमड़ने लगा था। गुरुवार को मदुरई से रामेश्वरम के लिए एक स्पेशल ट्रेन चलाई गई। डॉ. कलाम के अंतिम संस्कार के मद्देनजर राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक और लोकसभा कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सोमवार को शिलांग में डॉ. कलाम का का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। उनका शव बुधवार को दिल्ली से रामेश्वरम लाया गया था। पारंपरिक हरे रंग की शाॅल में लिपटे ताबूत में रखे डाॅ कलाम के पार्थिव शरीर को तीनों सेवाओं के जवानों द्वारा सुबह साढ़े नौ बजे उनके पैतृक आवास से स्थानीय मस्जिद ले जाया गया था।, जहां जानजे की नमाज अदा कराई गई। जनता के राष्ट्रपति को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक हजारों की संख्या में लोग इस द्वीपीय शहर में पहुंचे हैं। सुबह के इंतजार में रात बहुत से लोग सड़कों पर ही सोए। गौरतलब है कि कलाम का जन्म रामेश्वरम में हुआ था और उनका बचपन इसी द्वीप पर बीता।
फूलों से सजी गाड़ी में जब कलाम के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार वाले स्थान पर ले जाया जा रहा था, तब चारों ओर भारत माता की जय का उद्घोष हो रहा था। लगभग साढ़े तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित मस्जिद तक के इस सफर में कलाम के पार्थिव शरीर के साथ तीनों सेनाओं के जवान चल रहे थे। कलाम के पार्थिव शरीर के साथ इस अवसर पर उनके परिवार के सदस्य मौजूद थे। इन सदस्यों में उनके सबसे बड़े भाई 99 वर्षीय मोहम्मद मुत्थु मीरा लेब्बई मरईकर भी शामिल थे। कलाम को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों शोकाकुल लोगों विभिन्न साधनों के जरिए कल से ही रामेश्वरम पहुंचने लगे थे। कलाम के सम्मान में रामेश्वरम समेत पूरे तमिलनाडु में दुकानें, व्यवसायिक प्रतिष्ठान और होटल बंद रहे।