सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि हाल ही में पूर्वांचल सेना के नेता आदर्श शर्मा ने पोस्टर लगवाए जिनमें कन्हैया की जान लेने वाले को 11 लाख रूपये का इनाम देने की बात कही गई थी। फिर भाजयुमो के एक नेता कुलदीप वाष्णर्य ने कन्हैया की जीभ काटने वाले को पांच लाख रूपये का इनाम देने की बात कही थी।
आजाद ने कहा कि इन खबरों के सामने आने के बाद उन्होंने स्वयं गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा और कन्हैया को समुचित सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की। उन्होंने कहा कन्हैया कुमार की जान को खतरा है और उसे सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि पहले तो कथित नकली वीडियो के आधार पर छात्रा नेता को बदनाम करने की कोशिश की गई और उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया। अब जब उन्हें जमानत मिल गई है तो उन्हें जान से मारने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कथित नकली वीडियो बनाने वालो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग भी की।
इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्राी मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कन्हैया कुमार को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि वाष्णर्य के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की गई है और कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। कथित नकली वीडियो के बारे में नकवी ने कहा कि इसकी जांच की जा रही है। उप सभापति पी जे कुरियन ने भी कहा कि कथित नकली वीडियो की जांच की जानी चाहिए। आजाद ने यह भी कहा कि जेएनयू की घटना हमारे सामने है। हैदराबाद में दलित छात्रा रोहित वेमुला ने आत्महत्या कर ली। इलाहाबाद विश्वविद्यालय का मुद्दा सामने आया है। वहां की छात्रा संघ अध्यक्ष एक लड़की है जिसे प्रताडि़त किया जा रहा है। विश्वविद्यालयों में हो रहे इन घटनाक्रम पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।
इस पर नकवी ने कहा कि कन्हैया की जान लेने पर और उसकी जीभ काट कर लाने पर इनाम देने का ऐलान करने वाले कार्यकर्ताओं के बयानों की पार्टी नेतृत्व ने निंदा की है, उन पर कार्रवाई की गई और कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। नकवी ने कहा कि कुछ टीवी चैनलों ने पहले अलग वीडियो दिखाए और बाद में अलग वीडियो दिखाए। इन वीडियो की जांच की जा रही है। जदयू के के सी त्यागी ने भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छात्रा संघ अध्यक्ष रिचा सिंह का मुद्दा उठाते हुए कहा कि रिचा ने कल सारे सांसदों को चिट्ठी लिखकर अपने साथ किए जा रहे दुव्र्यवहार की शिकायत की है।
त्यागी ने कहा कि जिस विश्वविद्यालय से चंद्रशेखर आजाद और पंडित जवाहरलाल नेहरू जुड़े रहे, जिस विश्वविद्यालय के कई छात्र नेता आज इस सदन में हैं, उस संस्थान में इस तरह की घटनाएं होना चिंताजनक है। विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए इससे स्वयं को संबद्ध किया। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार मानती है कि छात्रों, उनके आंदोलनों और उनकी स्वतंत्रता पर किसी तरह के हमले नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदस्य ने जिस घटना विशेष का जिक्र किया है, उसके संदर्भ में अगर इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा भेदभाव किया जा रहा है तो वह संबंधित मंत्री को बताएंगे।