इस साल फरवरी में इस विधेयक के खिलाफ रैली कर चुके भूमि अधिकार आंदोलन के नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों की चिंताओं की उपेक्षा कर इस कानून पर जोर दे रही है जिससे दूसरी बार संगठन को प्रदर्शन करना पड़ रहा है। लोकसभा में पारित होने के बाद राज्य सभा में इस विधेयक के अटक जाने पर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार अप्रैल में भूमि अधिग्रहण अध्यादेश लायी थी।
आॅल इंडिया किसान सभा के महासचिव हनान मुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, पांच मई को हम बड़ी रैली करने जा रहे हैं। सरकार नये रूप में आदेश ला सकती है। वह पहली बार विफल हो चुकी है। दूसरी बार, उन्होंने अध्यादेश लाया। अब तीसरी बार वे विधेयक के रूप में अध्यादेश ला सकते हैं तथा उसे पारित कराने का प्रयास कर सकते हैं। अतएव इसके खिलाफ संघर्ष तेज करने के लिए किसानों की बड़ी रैली होगी।
पूर्व सांसद ने कहा, मोदी को प्रधानमंत्राी बनने के लिए उद्योगपतियों ने 15000 से 20000 करोड़ रूपए का जो सहयोग किया, अब उनके लिए (मोदी के लिए) यह कर्ज उतारने का वक्त है।