बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान ‘फैनी’ धीरे-धीरे भयानक रूप लेता जा रहा है। आज इस तूफान ने ओडिशा में दस्तक दे दी है। जैसा कि गुरुवार को बताया जा रहा था कि यह तूफान शुक्रवार सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच ओडिशा के तटवर्ती इलाकों में पहुंच सकता है, तो वैसा ही हुआ करीब 10 बजे ‘फैनी’ 175 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से पुरी तट से टकरा गया। इस भयाक तूफान का असर और भी कई तटीय क्षेत्रों में देखा जा रहा है। इस आपदा से निपटने के लिए राज्य सरकार ने कई बचाव टीमों को लगा दिया है। इन तूफानों के नाम सुनकर आपको ऐसा लगता होगा कि आखिर इन तूफानों के नाम अलग-अलग क्यों होते हैं? और इस तूफान का नाम ‘फैनी’ क्यों रखा गया और इस शब्द मतलब क्या है। तो आइए हम आपको बताते हैं कि फैनी एक उष्णकटिबंधीय तूफान है और ये भी हरीकेन्स, टाइफून्स, साइक्लोन्स के जैसे ही हैं। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में इसे भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है।
तो आइए जानते हैं क्या है फैनी शब्द का मतलब, किस देश ने दिया है ये नाम
तूफानों के नाम रखने का प्रचलन 1953 में शुरू हुआ था
भारत में तूफानों के नाम रखने का प्रचलन 1953 में शुरू हुआ था। दुनिया में पहले तूफानों का नाम महिलाओं के नाम से रखे जाते थे। साल 1953 में अमेरिका के मौसम वैज्ञानिकों ने अंग्रेजी वर्णमाला के A से लेकर W तक के बीच में आने वाले महिलाओं के नाम पर तूफानों के नाम रखना शुरू किया। महिलाओं के नाम पर तूफानों का नामकरण करने से लोगों ने नाराजगी जताई तो 1978 से पुरुषों के नाम से भी तूफानों के नाम रखे जाने लगे।
63 किलो मीटर से ज्यादा रफ्तार के तूफान को दिया जाता है नाम
नाम सिर्फ उसी तूफान को दिया जाता है, जिसकी रफ्तार 63 किलो मीटर प्रति घंटा से ज्यादा हो। जिन तूफानों की स्पीड 118 किमी तक पहुंच जाती है उन्हें गंभीर तूफान माना जाता है। साथ ही जिन तूफानों की रफ्तार 221 तक पहुंच जाती है वह सूपर चक्रवाती तूफान की श्रेणी में आते हैं। ये तूफान बेहद खतरनाक होते हैं।
दरअसल, फैनी तूफान उत्तर हिंद महासागर से उठा है। ऐसे में इसका नाम रखने की जिम्मेदारी भी इस क्षेत्र में आने वाले देशों की थी, जिसमें बांग्लादेश भी शामिल है। फैनी को उसका नाम बांग्लादेश द्वारा ही मिला है। फैनी का मतलब होता है ‘सांप’।
जानें कैसे रखे जाते हैं चक्रवाती तूफानों के नाम
प्रत्येक चक्रवात के नाम का चयन करने के लिए एक प्रक्रिया बनाई गई है। तूफानों को नाम देने के लिए फिलहाल यूएन की वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाजेशन की तरफ से नियम तैयार किए गए हैं। इसके हिसाब से जिस इलाके में तूफान आएगा वहां की क्षेत्रीय एजेंसियां इसको नाम देंगी। इसका तरीका यह बताया जाता है कि साल के पहले तूफान को A फिर अगले तूफान को B से नाम दिया जाएगा। ईवन नंबर वाले साल (जैसे 2018) को पुरुष नामों में से कोई दिया जाएगा। वहीं ऑड सालों (जैसे 2019) में महिलाओं के नाम पर तूफान को नाम मिलेगा।
भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान और थाईलैंड उत्तर हिंद महासागर में विकसित होने वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नाम क्षेत्रीय समिति को भेजते हैं। वर्तमान में, प्रत्येक देश ने भविष्य में होने वाले चक्रवातों के लिए आठ नामों का सुझाव दिया था। 64 नामों वाली सूची में से ही 'फैनी' नाम तय किया गया। भारत ने भी चक्रवाती तूफान के कई नाम सुझाए हैं अग्नि, आकाश, बिजली, जल, लहर, मेघ, सगर और वायु कुछ उदाहरण है।