भारत के गणराज्य बनने के बाद पहला समारोह राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर आयोजित नहीं किया गया था, बल्कि 1930 के दशक के एक एम्फीथिएटर में हुआ था जिसे बाद में स्टेडियम बना दिया गया।
जब 26 जनवरी, 1950 को भारत गणराज्य बना तो उस रात राजधानी की सार्वजनिक इमारतें, उद्यान और रेलवे स्टेशन रोशनी से चकाचौंध थे।
इसी ऐतिहासिक दिन भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में राजेंद्र प्रसाद ने शपथ ली और पहला गणतंत्र दिवस समारोह यहां इरविन स्टेडियम में आयोजित किया गया था।
गूगल आर्ट्स एंड कल्चर वेबसाइट के अनुसार, भावनगर के महाराजा की ओर से दिल्ली को प्रदत्त उपहार के रूप में 1933 में स्टेडियम का निर्माण किया गया था। इसका नाम भारत के पूर्व वायसराय लॉर्ड इरविन के नाम पर रखा गया जिन्होंने अपने कार्यकाल में फरवरी 1930 में नई दिल्ली को ब्रिटिश शासन की नई राजधानी बनाया था।
मध्य दिल्ली में कनॉट प्लेस के शिल्पकार रॉबर्ट टोर रसेल ने इस एम्फीथिएटर का डिजाइन तैयार किया था जिसे 1951 में एशियाई खेलों के आयोजन से ऐन पहले नेशनल स्टेडियम नाम दिया गया। साल 2002 में इसका नाम हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद के नाम पर रख दिया गया।