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जानें हरियाणा में किस सीट पर है कैसा मुकाबला

हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला आज हो रहे मतदान में ईवीएम में कैद किया...
जानें हरियाणा में किस सीट पर है कैसा मुकाबला

हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला आज हो रहे मतदान में ईवीएम में कैद किया जाएगा। इस चुनाव में रोहतक, सोनीपत और हिसार तो हॉट सीट हैं ही, परंतु दूसरी सीटों के मुकाबले कम रोचक नहीं हैं। इस चुनाव में दिग्गज नेताओं से लेकर राजनीतिक घरानों की साख दाव पर लगी है। मुकाबला कड़ा है।

किस सीट पर है कैसा मुकाबला:

सोनीपत सीट पर होगा त्रिकोणीय रण:

सोनीपत सीट पर हुड्डा और दिग्विजय के आ जाने से यह सीट प्रदेश की सबसे हॉट सीट बन गई है। हुड्डा के आने से मुकाबला भाजपा के रमेश कौशिक के बीच माना जा रहा था, लेकिन जननायक जनता पार्टी ने आखिर में जैसे ही दिग्विजय चौटाला को उतारा, मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। जातिगत समीकरण को देखें तो दिग्विजय यहां सीधे-सीधे हुड्डा के जाट वोट बैंक में सेंधमारी करेंगे, जिसका फायदा भाजपा के उम्मीदवार रमेश कौशिक को मिलेगा। भूपेंद्र हुड्डा भले ही चार बार सांसद रहे हों लेकिन वे सोनीपत सीट से एक बार भी चुनाव नहीं लड़े हैं। यहां भाजपा उम्मीदवार को नरेंद्र मोदी का सहारा है। मुकाबला रोचक रहेगा। 

रोहतक में दीपेन्द्र की ताकत को चुनौती :

रोहतक से तीन बार सांसद रह चुके दीपेंद्र हुड्डा की सीधे टक्कर भाजपा के अरविंद शर्मा से है। कभी उन्हीं की पार्टी का हिस्सा रहे अरविंद शर्मा के सामने उन्हें चुनाव लडऩा पड़ रहा है। भाजपा अपने पूरे संगठन की ताकत से यहां चुनाव लड़ रही है। वहीं भूपेंद्र हुड्डा को सोनीपत से टिकट मिल जाने के बाद दीपेंद्र हुड्डा की ताकत जरूर कम हुई है। तभी उन्हें गोहाना रैली में कहना पड़ा कि भले ही हुड्डा साहब को ज्यादा वोट से जीता देना लेकिन मुझे भी उनके नजदीक लगा देना नहीं तो बेजती हो जाएगी। यहां जजपा उम्मीदवार भी कांग्रेस के वोट बैंक में सेंधमारी करेंगे।

हिसार सीट पर तीन बड़े राजनीतिक घरानों के बीच टक्कर:

हिसार सीट पर तीन बड़े राजनीतिक घरानों के बीच टक्कर है। कांग्रेस सीट पर पूर्व सीएम भजन लाल के पोते भव्य बिश्नोई, जजपा से ओमप्रकाश चौटाला के पोते दुष्यंत चौटाला और भाजपा से बीरेंद्र सिंह के पुत्र बृजेंद्र सिंह मैदान में हैं। आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए बृजेंद्र ने यहां मोदी और अपने पिता के फेस पर वोट मांगे हैं। वहीं दुष्यंत चौटाला अपने सांसद कार्यकाल के कामों की दुहाई देकर जनता के बीच गए। भव्य बिश्नोई ने कांग्रेस और भजनलाल परिवार की राजनीतिक विरासत के नाम पर वोट मांगे हैं। भले ही हिसार को भजनलाल परिवार का गढ़ माना जाता रहा है लेकिन बीते निगम चुनाव में वे कोई चमत्कार नहीं दिखा पाए। तीनों नेताओं के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिलेगा।

गुडग़ांव में राव इंद्रजीत और अजय यादव की टक्कर:

गुडग़ांव में कांग्रेस उम्मीदवार कैप्टन अजय यादव और भाजपा के राव इंद्रजीत के बीच टक्कर है। दोनों भले ही लंबे समय कांग्रेस में रहे हों लेकिन वे कभी एक-दूसरे के शुभचिंतक नहीं रहे। दोनों नेता दो अलग-अलग धड़ों में बंटे रहे। हालांकि राव इंद्रजीत द्वारा लोकसभा की राजनीति करने के चलते दोनों का कभी चुनावी आमना-सामना नहीं हो सका। यह पहला मौका है जब दोनों नेता आमने-सामने होंगे। इससे पहले कैप्टन अजय यादव के पिता अभय यादव जरूर राव इंद्रजीत के पिता पूर्व सीएम राव बीरेंद्र को चुनाव में हरा चुके हैं। अजय यादव भी राव इंद्रजीत के छोटे भाई को एक बार विधानसभा चुनाव में पटखनी दे चुके हैं। दोनों राजनीतिक परिवार को साख इस लोकसभा चुनाव में दाव पर है। राव इंद्रजीत ने अपने सांसद कार्यकाल और मोदी के नाम पर वोट मांगे हैं। वहीं अजय यादव ने कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी और खुद विधायक रहते हुए किए गए कामों की दुहाई देकर वोट मांगे। 

धर्मबीर और श्रुति के बीच भिवानी में टक्कर:

भिवानी सीट पर भाजपा के उम्मीदवार धर्मबीर सिंह और कांग्रेस उम्मीदवार श्रुति चौधरी के बीच टक्कर है। धर्मबीर और बंसीलाल परिवार का आमना-सामना 1989 से होता आ रहा है। पिछले चुनाव में धर्मबीर ने कांग्रेस उम्मीदवार और बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी को हराया था। श्रुति तीसरे स्थान पर रही थी। इस बार फिर से दोनों के बीच टक्कर है। श्रुति ने राहुल गांधी, कांग्रेस के नाम पर वोट मांगे हैं। उनकी मां किरण चौधरी ने प्रचार में पूरी जान लगाई है। वहीं सांसद धर्मबीर को मोदी का सहारा है।

फरीदाबाद में कृष्ण पाल गुज्जर और अवतार भड़ाना के बीच टक्कर:

फरीदाबाद में भाजपा के मौजूदा सांसद कृष्णपाल गुज्जर का मुकाबला कांग्रेस के अवतार सिंह भड़ाना से है। 2014 में कृष्णपाल यहां से 3 लाख से ज्यादा वोट से जीते थे। उन्होंने खुद के कामों की बदौलत वोट मांगे हैं। वहीं कांग्रेस ने यहां से पहले ललित नागर को मैदान में उतारा, फिर सूची बदलते हुए अवतार भड़ाना को टिकट दे दिया। अवतार भड़ाना ने चुनाव आते-आते कांग्रेस के करण दलाल और ललित नागर को मना लिया और एकजुटता से चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं। कृष्णपाल गुज्जर से उनकी टक्कर मानी जा रही है। भड़ाना इससे पहले भाजपा के यूपी से विधायक थे, काफी दिनों बाद दोबारा फरीदाबाद में अब चुनाव के समय ही सक्रिय हुए।

कुरुक्षेत्र में मुकाबला चार के बीच:

कुरुक्षेत्र में चार उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है। यहां भाजपा के नायब सिंह सैनी, कांग्रेस के निर्मल सिंह, इनेलो के अर्जुन चौटाला और जजपा के जयभगवान शर्मा डीडी मैदान में हैं। चारों उम्मीदवार के बीच टक्कर है। नायब सैनी खुद हरियाणा सरकार में मंत्री हैं, उन्होंने भाजपा और मोदी नाम पर वोट मांगे हैं। निर्मल सिंह ने यहां अम्बाला लोकसभा से आकर मेहनत की है। उन्हें नवीन जिंदल ने भी अपना समर्थन दे रखा था। जजपा उम्मीदवार जयभगवान शर्मा यहां के स्थानीय उम्मीदवार हैं। वे पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं, उन्होंने जजपा और खुद के नाम पर वोट मांगे हैं। वहीं इनेलो ने अर्जुन की लॉन्चिंग यहां से की है। ऐसे में पूरी इनेलो इस सीट पर प्रचार करने में जुटी रही। वे इनेलो के 10 उम्मीदवारों में से दूसरे ऐसे उम्मीदवार है, जिन्हें हरियाणा की जनता नाम से जानती है।

करनाल में कांग्रेस और भाजपा के बीच टक्कर:

करनाल लोकसभा में भाजपा के उम्मीदवार संजय भाटिया और कांग्रेस उम्मीदवार कुलदीप शर्मा के बीच टक्कर है। संजय भाटिया को यहां मोदी के नाम पर वोट का सहारा है। पार्टी पूरी ताकत से चुनाव लड़ रही है। वहीं कुलदीप शर्मा के पिता चिरंजीलाल शर्मा यहां से चार बार सांसद रहे हैं। कुलदीप ने उन्हीं के नाम पर वोट मांगे हैं।

सुनीता दुग्गल व चरणजीत सिंह रोड़ी में मुकाबला:

सिरसा में मौजूदा सांसद इनेलो के चरणजीत सिंह रोड़ हैं। वे इस बार भी चुनाव मैदान में हैं लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस नेता अशोक तंवर और भाजपा की उम्मीदवार सुनीता दुग्गल के बीच माना जा रहा है। सुनीता दुग्गल का नाम भाजपा द्वारा शुरूआत में तय कर दिया गया था। वे तब से यहां सक्रिय है। पीएम और सीएम की रैलियों व संगठन की मजबूत मैनेजमेंट से उन्होंने वोट की अपील की है। वहीं अशोक तंवर का गृह क्षेत्र है। वे पहले भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। उन्होंने राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के नाम पर वोट की अपील की है। यहां उनका खुद का भी वोट बैंक है। दोनों के बीच कांटे की टक्कर है।

अम्बाला में एक बार फिर सैलजा और रत्नलाल कटारिया के बीच टक्कर:

अम्बाला लोकसभा में भाजपा सांसद रत्नलाल कटारिया और कुमारी सैलजा के बीच टक्कर है। 2014 में लगभग साढ़े 3 लाख वोट से जीतकर लोकसभा पहुंचे भाजपा सांसद रत्नलाल कटारिया पर यहां निष्क्रियता के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन धुर विरोधी स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के प्रचार करने से उन्हें यहां लाभ मिला है। वे उस क्षेत्र विशेष से चुनाव लड़ रहे हैं, जिसे भाजपा का वोट बैंक माना जाता रहा है। वहीं कुमारी सैलजा की बात करें तो वे भी दो बार अम्बाला सीट से सांसद रही हैं। दोनों बार रत्नलाल कटारिया को ही हराया था। ये उनका सबसे बड़ा प्लस प्वाइंट है। लेकिन इस लोकसभा से उनकी पार्टी का कोई भी विधायक नहीं है। वहीं अम्बाला से उनकी पार्टी के मजबूत नेता निर्मल सिंह को कांग्रेस ने कुरुक्षेत्र लोकसभा से चुनाव में उतार दिया है। उन्होंने पार्टी के नाम पर वोट मांगे हैं।

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