दादरा और नगर हवेली के सांसद मोहन डेलकर ने दक्षिण मुंबई के एक होटल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। उनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। घटनास्थल पर मौजूद पुलिस जांच कर रही है। अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है।
मोहन डेलकर निर्दलीय सांसद थे। 1989 में वे पहली बार सांसद बने।
बता दें कि मोहन संजीभाई डेलकर दमन और दीव से सांसद थे। उन्होंने सिलवासा में एक ट्रेड यूनियन नेता के रूप में अपने करियर की शुरूआत की थीं। डेलकर ने विभिन्न कारखानों में काम करने वाले आदिवासी लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। बाद में उन्होंने आदिवासियों के लिए 1985 में आदिवासी विकास संगठन शुरू किया।
1989 में वे दादरा और नगर हवेली निर्वाचन क्षेत्र से नौवीं लोकसभा के लिए एक स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में चुने गए। 1991 और 1996 में उन्हें उसी निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में फिर से लोकसभा के लिए चुना गया।
बता दें कि 1998 में वह फिर से उसी निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा के लिए चुने गए। 1999 और 2004 में उन्हें लोकसभा में एक स्वतंत्र और भारतीय नवशक्ति पार्टी (बीएनपी) के प्रत्याशी के रूप में फिर से चुना गया। 4 फरवरी 2009 को वे कांग्रेस में फिर से शामिल हो गए। हालांकि 2019 में उन्होंने खुद को कांग्रेस पार्टी से अलग कर लिया और एक स्वतंत्र राजनेता के रूप में चुने गए।