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अमेरिकी भारतीयों की हत्या मसले में चुप रहने पर संसद में घिरे पीएम

संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आज से शुरू हो गया है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने अमेरिका में भारतीयों पर हो रहे हमले का मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि केंद्र सरकार इस मामले पर चुप क्यों हैं।
अमेरिकी भारतीयों की हत्या मसले में चुप रहने पर संसद में घिरे पीएम

शून्यकाल में विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों पर हमले, उन्हें देश छोड़ने की धमकी मिलना चिंता की बात है और सरकार इस मामले में चुप है। राजग सरकार के पास इस मुद्दे से निपटने की कोई रणनीति नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में नए प्रशासन के काबिज होने के बाद से इस तरह के घृणा अपराध वाले हमले बढ़े हैं।

खड़गे ने कहा, हर मुद्दे पर ट्वीट करने वाली मोदी सरकार चुप क्यों है। प्रधानमंत्री हर बात पर ट्वीट करते हैं, प्रतिक्रिया देते हैं। इस विषय पर क्यों नहीं बोल रहे। उन्होंने कहा कि हम समझते हैं कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अस्वस्थ हैं और सदन में नहीं आ रहीं, लेकिन प्रधानमंत्री को इस बारे में बयान देना चाहिए।

गौरतलब है कि अमेरिका के कन्सास में कुछ दिन पहले एक अमेरिकी ने भारतीय मूल के इंजीनियर श्रीनिवास कुचिबोटला पर यह कहते हुए हमला कर दिया कि यहां से वापस जाओ। इस हमले में श्रीनिवास की मौत हो गई।

बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने अमेरिका में भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचिबोटला की हत्या और भारतीय मूल के लोगों पर हमलों की ताजा घटनाओं का जिक्र किया और सरकार तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इस विषय पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया।

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस विषय पर कहा, सरकार की ओर से मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारत सरकार ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है। जो कुछ हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है तथा सरकार अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी।

इसी तरह का एक मामला दक्षिण कैरोलिना में सामने आया जहां भारतीय मूल के हर्निश पटेल की की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वहीं, गच सप्ताह केंट शहर में सिख युवक दीप राय पर हमले का मामला भी सामने आया था।

इस विषय पर तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने भी शून्यकाल में कहा कि ये घटनाएं अमेरिका में लगातार चलाए गए घृणा अभियान का नतीजा है जो नई सरकार के आने के बाद घटी हैं। उन्होंने मोदी पर इस विषय पर चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए सरकार से इस विषय में हस्तक्षेप की मांग की और उम्मीद जताई कि अमेरिका में भारतीय मूल के लोग इन घटनाओं पर भारत की तरह विरोध जताएंगे।

बीजद के भर्तृहरि महताब ने कहा कि अमेरिका जैसे देशों में रंग को लेकर लोगों में घृणा की भावना का इतिहास रहा है और नस्लीय हमले इनका ही नतीजा हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि अमेरिका प्रशासन को श्रीनिवास की पत्नी के इस सवाल का जवाब देने के लिए बाध्य किया जाए कि उनके पति की जान किस कारण से चली गई।

वहीं, तेलंगाना राष्ट्र समिति के जितेंद्र रेड्डी ने कहा कि भारत सरकार को अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की पूरी तरह मदद करनी चाहिए और सरकार को इस बारे में बयान देना चाहिए। अकाली दल के प्रेमसिंह चंदूमाजरा ने कहा कि अमेरिका में नई सरकार आने से पहले भी खासतौर पर सिख समुदाय के लोगों पर हमलों के मामले सामने आते रहे हैं।

माकपा के मोहम्मद सलीम ने कहा कि अमेरिका में चुनाव से पहले इस तरह का घृणा अभियान चलाया गया और स्थानीय लोगों में ऐसी भावना घर कर गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अमेरिका को वार्ता के लिए दबाव बनाना चाहिए और आमने-सामने इस विषय पर बात करनी चाहिए। अन्नाद्रमुक के एम थंबिदुरई ने कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप कर भारतीयों को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। भाषा

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