गांधी नगर के महात्मा गांधी मंदिर के विशाल सभागार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब अंग्रेजी में अपना लिखा हुआ भाषण शब्दशह पढ़ रहे थे हर कोई अचंभा में था। ऐसा लग रहा था कि मोदी अपने भाषण को कंठस्थ करके आए हैं। लेकिन हकीकत यह थी कि वह स्पील टेलि प्रोम्पटर के जरिए लोगों को संबोधित कर रहे थे। यह ऐसी तकनीकी है जिसका संभवत: पहली बार भारत में प्रयोग हो रहा था। इसका उपयोग अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा करते रहे हैं। इस डिवाइस में बहुत बारीक पारदर्शक कांच होता है जिसमें वक्ता लिखे हुए को आसानी से पढ़ सकते हैं। डिवाइस के नीचे अंग्रेजी में भाषण लिखा होता है। जिससे दो पारदर्शक कांचों को इस प्रकार जोड़ा जाता है कि नीचे वाले कांच में दिखाई दे रहे उल्टे अक्षर सीधे दिख सकें। देश में निवेश के लिए एक बेहतर प्लेटफॉर्म के रूप में विशेष पहचान बन चुके वाइब्रेंट गुजरात के भव्य कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून, अमरीका के विदेश मंत्री जॉन कैरी, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोब्गे, मेसोडेनिया के प्रधानमंत्री निकोला रुवस्की सहित सौ से अधिक देशों के प्रतिनिधियों और भारतीय उद्योपतियों ने हिस्सा लिया। उद्योगपतियों ने जहां मोदी की तारीफ की वहीं गुजरात में निवेश की घोषणा भी की। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने भी 'सबका साथ, सबका विकासÓ के नारे का गुणगान किया। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की यात्रा से ठीक पहले भारत आए जॉन कैरी की इस यात्रा को आर्थिक संबंध मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम यंग किम ने भारत की विकास दर पर चर्चा करते हुए कहा कि दुनिया के कई देश मुश्किलों का सामना कर रहे हैं उनके बीच भारत ने उम्मीद की रोशनी दिखाई है। उद्योगपति और विश्व के नेता जब प्रधानमंत्री की तारीफ कर रहे थे तो उनका चेहरा गंभीर था। इसी गंभीरता के साथ जब मोदी ने अपना भाषण शुरू किया तो थ्री डी पर फोकस किया। थी्र डी यानि डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और डिमांड। मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि सरकार एक भरोसेमंद, पारदर्शी और निष्पक्ष पॉलिसी बनाने के लिए प्रतिबद्घ है। अपनी सरकार पर उठ रहे सवालों के जवाब में मोदी ने कहा कि मेरी सरकार सामाजिक ढांचे को बदलने की कोशिश में लगी है। इसके लिए ग्लोबल रिसोर्स को लेकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ घोषणाएं नहीं कर रहे हैं,उनपर काम भी कर रहे हैं। हम बदलाव के रास्ते पर चल रहे हैं। 2003 में पहली बार वाइब्रेंट गुजरात की शुरूआत हुई थी उस समय नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे। उसके बाद कई राज्य इस तरह का आयोजन करने लगे।
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