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मोहन भागवत का बयान, जनसंख्या के असंतुलन कारण हुआ हमारा बंटवारा

दुनिया के सबसे बड़े गैर राजनीतिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) हर साल दशहरे के दिन अपना...
मोहन भागवत का बयान, जनसंख्या के असंतुलन कारण हुआ हमारा बंटवारा

दुनिया के सबसे बड़े गैर राजनीतिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) हर साल दशहरे के दिन अपना स्थापना दिवस मनाता है। नागपुर में होने वाला यह कार्यक्रम संघ की ओर से किया जाने वाला सबसे बड़ा कार्यक्रम होता है। हर साल संघ प्रमुख द्वारा किए जाने वाले संबोधन पर पूरे देश की नजर रहती है।विजयदशमी के के अवसर पर नागपुर में हर साल शस्त्र पूजन की परंपरा है। 

आज(बुधवार) संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर के रेशमीबाग में सम्बोधित किया। अपने सम्बोधन में उन्होने देश भर की विभिन्न मुद्दे पर चर्चा किया। उन्होने देश के बढ़ते जनसंख्या असंतुलन पर चिंता जताई और जनसंख्या नियंत्रण पर जोर दिया। 

अपने संबोधन में संघ प्रमुख ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या देश के लिए बोझ है, लेकिन जनसंख्या का ठीक से उपयोग किया तो वह साधन बन सकती है। उन्होने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि हमको यह भी विचार करना होगा कि हमारा देश 50 वर्षों के बाद कितने लोगों को खिला और झेल सकता है। इसलिए जनसंख्या की एक समग्र नीति बने और वह सब पर समान रूप से लागू हो।

संघ प्रमुख ने 1947 में हुए  बंटवारे का प्रमुख कारण जनसांख्यिक अंसतुलन था। उन्होने कहा, “इंडोनेशिया से ईस्ट तिमोर, सूडान से दक्षिण सूडान व सर्बिया से कोसोवा नाम से नए देश जनसंख्या के असंतुलन के कारण बने।"  

रोजगार पर बात करते हुए संघ प्रमुख ने कहा, “रोज़गार मतलब नौकरी और नौकरी के पीछे ही भागेंगे और वह भी सराकरी। अगर ऐसे सब लोग दौड़ेंगे तो नौकरी कितनी दे सकते हैं? किसी भी समाज में सराकरी और प्राइवेट मिलाकर ज़्यादा से ज़्यादा 10, 20, 30 प्रतिशत नौकरी होती है। बाकी सब को अपना काम करना पड़ता है।" संघ अपने स्थापना दिवस के कार्यक्रम में किसी विशिष्ट अतिथि को बुलाता है। इस साल पर्वतारोही संतोष यादव को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था।

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