मोहन भागवत ने कहा, प्रकृति में ही ज्ञान और विज्ञान दोनों छुपा हुआ है। आधुनिक विज्ञान की सभी बातें सही हैं ऐसा नहीं है। लेकिन गलत भी नहीं है। जन परंपरा का विचार होना चाहिए और तर्क की परीक्षा पर उतरने वाली बातों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने केदारनाथ त्रासदी में मारे गए लोगों की तीसरी बरसी में विकास और उसकी मर्यादा को लेकर भी कई बातें कहीं। इस मौके पर यह बातें बिलकुल ठीक थीं लेकिन मीडिया चाहता था कि वह कुछ ऐसा बोलें जो हेडलाइन बन जाए।
दिल्ली के मावलंकर में अखिल भारतीय उत्तराखंड त्रासदी मंच के श्रद्धाजंलि कार्यक्रम में सर संघचालक मोहन भागवत, कृष्ण गोपाल, वीके सिंह, निर्मला सीतारमण, प्रकाश जावडेकर सहित कई मंत्री, सांसद और नेता पहुंचे थे। भाजपा के सांसद अश्वनी चौबे ने इस श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया था।
सन 2013 में आई त्रासदी में अश्वनी चौबे परिवार सहित फंस गए थे। इस अवसर पर त्रिनेत्र पत्रिका का विमोचन भी हुआ।