पंजाब नैशनल बैंक फर्जीवाड़े पर जहां विपक्ष और सरकार के बीच तीखी तकरार हो रही है वहीं सीबीआई ने एक और खुलासा किया है। सीबीआई का कहना है कि 11,400 करोड़ रुपये के इस फर्जीवाड़े के ज्यादातर साख-पत्र यानी लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग (LoUs) 2017-18 के दौरान जारी किए गए या उन्हें रिन्यू किया गया।
अंग्रेजी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सीबीआई ने गुरुवार को कहा कि नीरव मोदी और उनके परिवार वाले एलओयू के जरिए हेरफेर करवा रहे थे, इसलिए 2017 में पुराने एलओयू भी रिन्यू हो गए।
इस मामले में गुरुवार को एक और एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर के मुताबिक, घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी और नीरव मोदी ने अपनी तीन कंपनियों के जरिए पंजाब नेशनल बैंक से 4,886.72 करोड़ रुपये हासिल किए। बैंक से ये राशि 143 एलओयू के द्वारा हासिल की गई।
इस मामले में 31 जनवरी को दायर की गई पहली एफआईआर में बताया गया है कि 2017 में 8 एलओयू के जरिए 280.7 करोड़ की हेरफेर हुई। एफआईआर में सीबीआई ने बुधवार को पीएनबी की तरफ से दी गई जानकारी जोड़ी और पहली एफआईआर में कुल घाटा 6,498 करोड़ का बताया।