जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने इस बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस मौके पर एक लघु फिल्म भी बनाई गई थी जिसमें गंगा के राज्यों, गंगा के प्रति आस्था और गंगा की सुंदरता और अविरल बहाव के बारे में जानकारी दी गई। इस मौके पर मंत्रालय के नए नवेले राज्य मंत्री संजीव बालियान और विजय गोयल भी उपस्थित थे।
नौ आईआईटी इस योजना में मंत्रालय के साथ हैं। आईआईटी ने अविरल गंगा के बहाव की परेशानियों और बाधाओं का सूक्ष्म अध्ययन किया है। इसके लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन भी बनाई गई है ताकि लोगों में जागरूकता आए और आम जनता गंगा से जुड़ाव महसूस कर सके।
उमा भारती ने कहा, ‘’नमामि गंगे आस्था और विकास के मेल के साथ आगे बढ़ेगा। किसी की आस्था को ठेस न पहुंचे इसलिए शवों और अस्थियों के विसर्जन के लिए स्थानीय समुदाय के साथ बात की जाएगी।’ इस पूरी योजना ने घाट की सफाई, घाटों पर शवदाह के निर्माण की भी योजना है। यहां पारंपरिक और विद्युत चलित दोनों तरह के शवदाह गृह बनाए जाएंगे।
एक प्रश्न के जवाब में कार्यक्रम में मौजूद नितिन गडकरी ने कहा, ‘हर राज्य से बात करना, मंजूरी लेना, टेंडर निकालना, वहां की परिस्थितियों का अध्ययन और साथ में किसी के रोजगार पर संकट न आए का भी खयाल रखा गया है।’ कई सारी योजनाएं आने वाले समय में समय-समय पर बाहर आएंगी लेकिन अविरल गंगा के लिए जल्द से जल्द काम किया जा रहा है।
इसमें गंगा नदी में आने वाली समस्या के प्रमुख कारण और चुनौतियों को विशेष रूप से देखा गया है। सीवेज का पानी, फैक्ट्री का पानी, केमिकल मिला हुए पानी को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा जा रहा है। ताकि सीवेज के पानी का पुर्नचक्रण किया जा सके।