रामबहादुर राय के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष बनने के बाद बहुत से नए कार्यक्रमों को तरजीह दी जा रही है। इसी के तहत एक संवाद श्रृंखला के 28 जुलाई के होने पर सोशल मीडिया में तरह-तरह की खबरें चलने लगी हैं। कोई कह रहा है कि संघ अब साहित्य पर डाका डाल रहा है। नामवर सिंह को वामपंथी खेमा अपना मानता है। ऐसे में यदि दक्षिणपंथ खेमा उन पर अधिकार जमाए तो बातें बनती हैं। कई लोग यह भी प्रचार कर रहे हैं कि संघ उनका जन्मदिन मनाए जाने से खफा है।
इन सभी बातों को निराधार बताते हुए केंद्र के अध्यक्ष राय ने आउटलुक से कहा, ‘दस जून को एक्जीक्यूटिव मीटिंग में इस तरह का प्रस्ताव रखा गया। सदस्यों ने इस प्रस्ताव को समर्थन दिया और तय किया गया कि एक संवाद श्रृंखला शुरू की जाए। तय किया गया कि 28 जुलाई से नामवर सिंह के जन्मदिन पर इसकी शुरुआत होगी। अब इसमें जन्मदिन मनाने जैसा कुछ नहीं है। कौन नामवर जी के अवदान पर शंका कर सकता है। इसमें क्या बुरा है कि व्यक्ति और संस्कृति दोनों पर बात हो। आगे भी यह श्रृंखला चलती रहेगी। हम साल भर के लिए नाम तय कर रहे हैं। हर दूसरे महीने यह श्रृंखला होगी।’ संघ की नाराजगी को उन्होंने सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा, ‘खबरों में क्या है यह खबर वाले जाने। लेकिन मुझ से किसी ने नाराजगी व्यक्त नहीं की है।’
नामवर सिंह से संवाद करने के लिए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा, से सुरेश शर्मा को बुलाया जा रहा है। क्योंकि जिन चुनिंदा लोगों से नामवर सिंह सहजता से बात करते हैं उनमें से वह एक हैं। सुरेश शर्मा वहां प्राध्यापक हैं। इस कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी कुलपति गिरीश्वर मिश्र जी को भेज दी गई है। उन्होंने सुरेश जी को भेजने की अनुमति देने के साथ बताया है कि वहां से निकलने वाली पत्रिका बहुवचन का अंक भी नामवर सिंह पर निकाला जाएगा। साथ ही इस कार्यक्रम के लिए एक लाख रुपये देने की भी सहमति दी है।