साल 2002 के दंगों के मामले में उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जी टी नानावटी ने जांच की और अंतिम रिपोर्ट नवंबर 2014 में गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को सौंपी गई। दंगों में 1,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
आमतौर पर इस तरह की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपे जाने के बाद विधानसभा सत्र में पेश की जाती हैं। पीटीआइ-भाषा ने गुजरात सरकार के प्रवक्ता और प्रदेश के मंत्री नितिन पटेल से इस विषय पर बात करने के लिए उन्हें बार -बार फोन किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मनीष दोशी ने पीटीआइ-भाषा से कहा, यह आयोग दंगों के समय गुजरात सरकार की लापरवाही को छिपाने के लिए बनाया गया था जिनमें 1000 से ज्यादा लोग मारे गए थे। उन्होंने देर करने की अपनी तरकीब के तहत इसे विधानसभा में नहीं रखा ताकि एक प्रमुख मुद्दा महत्वहीन हो जाए और वे खुद को राजनीतिक आक्रोश से बच सकें।