नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय पर मचे विवाद के बीच संस्थान के निदेशक महेश रंगाराजन ने इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने कहा था कि महेश रंगराजन के इस्तीफे की पेशकश पर वह फैसला करेगी। केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने बताया था कि रंगाराजन ने इस्तीफे का प्रस्ताव दिया है। इसलिए सरकार और संस्थान की कार्यकारिणी इस पर फैसला करेगी। शर्मा ने यह भी बताया था कि केंद्र ने रंगाराजन की नियुक्ति को लेकर कानून मंत्रालय के अलावा चुनाव आयोग से राय मांगने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार, गत सोमवार को संस्थान की कार्यकारिणी की बैठक में ही महेश रंगाराजन ने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफे की पेशकश की थी। इस कार्यकारिणी में भाजपा सांसद एमजे अकबर और प्रसार भारती के प्रमुख ए. सूर्यप्रकाश भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने संप्रग सरकार के समय रंगाराजन की नियुक्ति 10 साल के लिए बढ़ाने को गैरकानूनी करार दिया था। उनका कहना था कि चुनाव आयोग के आदेश का उल्लंघन कर रंगाराजन को कार्यकाल विस्तार दिया गया और इस बारे में सरकार उचित कदम उठाएगी। इस मामले के तूल पकड़ने के कुछ ही दिनों बाद महेश रंगाराजन ने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी।
नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय इस बात को लेकर भी विवादों में है कि यह संस्थान सिर्फ देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर केंद्रित रहे या फिर अन्य हस्तियां और विषय भी इसके दायरे में आने चाहिए। कुछ लोग इस घटनाक्रम को नेहरू-गांधी विरासत पर केंद्र की राजग सरकार की ओर से किए जा रहे हमलों की कड़ी के तौर पर देख रहे हैं। हाल में भी संचार मंत्रालय ने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के डाक टिकटों की छपाई बंद करने का भी फरमान जारी किया है।
Truly hope that the RSS finds a fitting replacement for Mahesh Rangarajan as Nehru Memorial chief. Someone the calibre of Gajendra Chauhan.
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) September 17, 2015
What a pity - mahesh Rangarajan resignation accepted after intense pressure was put on him despite the executive council backing him
— sandeep bamzai (@sandeep_bamzai) September 17, 2015