देश भर के अन्नदाता आज भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। लेकिन, भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्रहान) के महासचिव सुखदेव सिंह ने पंजाब के 32 किसान यूनियनों के एक दिन के अनशन के फैसले से खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने कहा है कि वो भूख हड़ताल नहीं करेंगे। महासचिव सुखदेव ने पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम आयोजित कर गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की थी। सुखदेव ने कहा, ‘‘हम एक दिन का अनशन नहीं करेंगे।’’
टिकरी बॉर्डर पर कुछ प्रदर्शनकारी हाथ में पोस्टर लिए गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग करते दिखे थे। जिसके बाद ये तस्वीरें वायरल हो गई। प्रतिक्रिया देते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि ये ‘‘असामाजिक तत्व’’ किसानों की आड़ में आंदोलन का माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं।
राजधानी में हजारों की संख्या में पंजाब, हरियाणा सरीखे अन्य राज्यों के किसान डेरा डाले हुए हैं। करीब 20 दिनों से ये किसान दिल्ली में डटे हुए हैं। इस बीच केंद्र और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन, ये बेनतीजा रहा है। एक तरफ केंद्र ने किसानों को प्रस्ताव भेजकर संशोधन की बात कही वहीं दूसरी तरफ किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं।
एक तरफ केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शनकारी किसानों की आशंका है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।